हरियाणा में टूटा बीजेपी और जेजेपी गठबंधन, सीएम खट्टर ने दिया इस्तीफा, अब दोबारा से ले सकते हैं शपथ
हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। लोकसभा चुनावों के लिए सीटों का तालमेल नहीं होने के कारण बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया है। ऐसे में हरियाणा की प्रदेश सरकार से भी जेजेपी किनारा कर रही है, या फिर बीजेपी ही उसे इस्तेमाल करो और फेंक दो की रणनीति के तहत खुद से अलग कर रही है। फिलहाल हरियाणा में सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने समूचे मंत्रिमंडल के साथ राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। सूत्रों के मुताबिक, आज शाम 4 बजे मनोहर लाल खट्टर नए सिरे से पूरे मंत्रिमंडल के साथ शपथ लेंगे। खट्टर सरकार में मंत्री रहे कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर ही सीएम रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस तरह की चल रही चर्चा
इससे पहले आज विधायक दल की बैठक चल रही है। ये भी जानकारी मिली है कि कैबिनेट में पांच नए चेहरे होंगे। साथ ही अलग-अलग समुदायों से दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। वहीं ये भी जानकारी मिल रही है कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने का विचार किया जा रहा है। ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को यदि बदला जाएगा और उनकी जगह नायब सैनी और संजय भाटिया में कोई एक सीएम बनाया जा सकता है। दोनों गैर जाट हैं और दोनों ही सांसद हैं। मनोहर लाल खट्टर को लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी और जेजेपी गठबंधन में दरार
बताया जा रहा है कि बीजेपी और जेजेपी में दरार पड़ गई है। दुष्यंत चौटाला और अमित शाह की मुलाकात भी हुई थी। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पाई थी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद जेजेपी और कांग्रेस ने अपने विधायकों को दिल्ली बुला लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है गणित
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं। इनमें 41 बीजेपी के पास तो 30 कांग्रेस, 10 सीटें इनेलो, एक हलोपा और सात निर्दलीय हैं। हरियाणा में बहुमत के 46 विधायक चाहिए। ऐसे में हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जब 41 सीटें मिली थीं तो उन्होंने जेजेपी के 10 विधायकों को साथ लेकर सरकार बनाई थी। जेजेपी से गठबंधन करने पर दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया था। हरियाणा में सात निर्दलीय और एक गोपाल कांडा को मिला लें, तब भी बीजेपी के पास आंकड़े 48 हो जाते हैं। ऐसे में जेजेपी से गठबंधन तोड़ने पर भी बीजेपी को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। सूचना तो ये भी है कि जेजेपी के विधायक भी पाला बदल सकते हैं। कारण ये है कि जेजेपी की बैठक में तीन विधायक गायब हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी और जेजेपी में दरार के मुख्य कारण
लोकसभा चुनाव में जेजेपी 1 से 2 लोकसभा सीटें मांग रही है। इनमें हिसार, भिवानी- महेंद्रगढ़ सीट हैं। वहीं, बीजेपी एक भी सीट देने को तैयार नहीं है। पिछली बार बीजेपी ने सभी 10 बीजेपी ने जीती थी। ऐसे में प्रदेश बीजेपी गठबंधन के पक्ष में नहीं है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।