ग्राफिक एरा में हुआ खुलासा- हर चिड़िया की होती है अपनी बोली, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी चर्चा
हर चिड़िया कुछ कहती है। चिड़ियों की अपनी बोली होती है। इसमें वह अपनी खुशी, अपनी नाराजगी और दर्द बयां करती है। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने किया। इसमें पक्षियों की भाषा और उनके संचार पर विस्तार से चर्चा की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिकागो यूनिवर्सिटी अमेरिका के डा. ट्रेवर प्राइस ने कहा कि पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों की विविद्यता धरती की भूमध्य रेखा के पास सबसे अधिक होती है। डा. प्राइस ने स्लाइड्स के जरिये हिमालयी प्रक्षियों की भाषा और उनके संचार के तरीकों पर जानकारी दी। स्वामी राम हिमालयी यूनिवर्सिटी की डा. आशा सकलानी ने कहा कि पक्षी विज्ञान के अंतर्गत पक्षियों की अंतरसंरचना का वर्णन, उनका वर्गीकरण, विकास और दिनचर्या से सम्बन्धित विषय है। पक्षियों की दिनचर्याओं को समझकर उनके व्यवहार, शरीर विज्ञान और संरक्षण पर अध्ययन किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह संगोष्ठी ग्राफिक एरा के इनवायरमेण्टल साइंस डिपार्टमेण्ट ने आयोजित किया। संगोष्ठी में एचओडी डा. प्रतिभा नैथानी के साथ डा. सुमन नैथानी, डा. अर्चना बछेती, डा. प्रदीप शर्मा, दिप्ती बिष्ट और स्वाती सिंह भी मौजूद रहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा में खाद्य सुदृढीकरण पर कार्यशाला
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ाने की तकनीकों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने आधुनिक जीवन शैली में इसके महत्व पर विचार साझा किए। पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के आखिरी दिन आज, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के डॉ. आर. एस. एस. कलर और डॉ. ममन पाॅल छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. आर. एस. एस कलेर ने बताया कि खाद्य सुदृढीकरण खाने में कृत्रिम रूप से आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कि विटामिन और खनिज की मात्रा बढ़ाने की प्रक्रिया है। इसका उपयोग कुपोषण, एनीमिया, विटामिन डी की कमी और अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को दूर करने में होता है। उन्होंने माइक्रोएल्गी, आयरन और विटामिन डी के सुदृढ़ीकरण की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यशाला में डॉक्टर ममन पॉल ने बताया कि प्रोटीन हाइड्रोलाइसिस अमीनो एसिड का महत्वपूर्ण स्रोत है। यह कसरत के बाद मांसपेशियों में दर्द कम करने टिशु रिकवरी और खिलाड़ियों में बेहतर प्रदर्शन को बढ़ावा देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का आयोजन ग्राफिक एरा के फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने किया। कार्यक्रम में एच.ओ. डी. डॉ. विनोद कुमार सहित डॉ. भावना बिष्ट, डॉ. अंकिता डोभाल, सलोनी जोशी और अरुण कुमार भी मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।