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September 20, 2024

नासा ने खोजी सुपर अर्थ, यहां 19 दिन का होता है एक साल, पढ़िए रोचक खबर

1 min read

दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसी हमारी पृथ्वी के बाहर भी जीवन की संभावनाओं को लेकर लगातार खोज कर रही हैं। पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज करना अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन है। अमेरिकी अंतरिक्षक एजेंसी नासा इसके लिए अंतरिक्ष मिशन चलाती रहती है। अब स्पेस एजेंसी को पृथ्वी से कहीं ज्यादा बड़ा एक और ग्रह मिला है। इसे सुपर अर्थ (Super Earth) कहा गया है। यह हमारी धरती से 30 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक बड़ी बताई जा रही है। इसे पृथ्वी का चक्कर लगा रहे नासा के टेलीस्कोप ने स्पॉट किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जीवन के लिए अनुकूल परिस्थियों की संभावना
नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) ने रहने योग्य क्षेत्र में स्थित एक सुपर-अर्थ की एक महत्वपूर्ण खोज की है, जो जीवन के लिए अनुकूल स्थितियों के लिए आकर्षक संभावनाएं प्रदान करती है। यह खोज हमारे ब्रह्मांड में ग्रहों की विविधता और हमारे सौर मंडल से परे रहने योग्य दुनिया की क्षमता पर प्रकाश डालती है। नासा को एक एग्जोप्लेनेट अंतरिक्ष में दिखाई दिया है, जिसका नाम TOI-715 b है। यह हमारी पृथ्वी से 1.5 गुना बड़ा है। इसका अपना सोलर सिस्टम है जो कि 137 प्रकाशवर्ष दूर मौजूद है। 19 दिन में सूरज जैसे तारे का लगाता है एक चक्कर
नासा का कहना है कि इस ग्रह की जो इसके तारे से दूरी है, वो इसकी सतह पर पानी बनने के लिए एकदम सही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अभी इस बारे में बहुत ज्यादा नहीं कहा जा सकता है। स्पेस एजेंसी का कहना है कि इसमें कई और कारक जुड़े हैं।  जिसमें सबसे बड़ा कारक तो यही है कि इसकी सतह का तापमान सही हो। TOI-715 b एग्जोप्लेनेट का अपना सौरमंडल है। यानि कि इसका भी एक तारा है जो सूरज जैसा है। यह ग्रह उस तारे का एक चक्कर 19 दिन में पूरा करता है। यानी कि वहां पर एक साल केवल 19 दिन का है। Monthly Notices of the Royal Astronomical Society में इस खोज को प्रकाशित किया गया है। चूंकि ये 137 प्रकाशवर्ष दूर है इसलिए जब यह अपने तारे के सामने आता है तो केवल एक काले बिंदू के रूप में दिखाई देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक चट्टानी दुनिया
नया खोजा गया एक्सोप्लैनेट का नाम TOI-715 b है। यह पृथ्वी से 137 प्रकाश वर्ष दूर सौर मंडल में स्थित है। लौकिक दृष्टि से यह दूरी अपेक्षाकृत करीब है, जो खगोलविदों को विस्तृत अध्ययन के लिए एक मूल्यवान अवसर प्रदान करती है। TOI-715 b अपने आकार और संरचना के कारण अलग दिखता है। यह पृथ्वी के आकार का लगभग 1.5 गुना है और मुख्य रूप से चट्टानी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रहने योग्य कक्षा क्षेत्र
अपने तारे के चारों ओर TOI-715 b की कक्षा इसे पूरी तरह से रहने योग्य क्षेत्र के भीतर रखती है, जिसे अक्सर “गोल्डीलॉक्स” क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। जहां तरल पानी और संभावित रूप से जीवन के अस्तित्व के लिए स्थितियां बिल्कुल सही हो सकती हैं। इसकी 19-दिवसीय कक्षा पृथ्वी के वर्ष की तुलना में काफी छोटी होने के बावजूद, ग्रह का लाल बौना तारा हमारे सूर्य की तुलना में ठंडा और छोटा है। जो सुझाव देता है कि टीओआई-715 बी अन्य निकट परिक्रमा करने वाले एक्सोप्लैनेट पर पाई जाने वाली झुलसा देने वाली स्थितियों से बचता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले भी सामने आया था ऐसा ही एग्जोप्लेनेट
हाल ही में एक और ऐसे ही एग्जोप्लेनेट का जिक्र रिपोर्ट में सामने आया था। वैज्ञानिकों ने साल 2017 में LHS 1140b एग्जोप्लेनेट को खोजा था। इसके बाद इस पर नजर रखी गई और कई टेलीस्कोप के माध्यम से इसकी जांच की गई। जिसके बाद सामने आया कि यह एक चट्टानी ग्रह है जो धरती से 1.7 लाख गुना बड़ा है। LHS 1140b को पर्याप्‍त रूप से घना नहीं बताया गया है। इसका मतलब है कि या तो इसमें बहुत ज्‍यादा पानी होना चाहिए या इसमें हाइड्रोजन और हीलियम जैसे एलिमेंट होने चाहिए। बहरहाल, TOI-715 b के बारे में वैज्ञानिक कह रहे हैं कि इसका क्लोज ऑब्जर्वेशन करने के लिए James Webb Space Telescope को 10 लाख मील की दूरी पर रखना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

टीईएसएस के साथ दुनिया की खोज
टीईएसएस परिक्रमा करने वाला NASA का एक टेलीस्कोप है। विशेष रूप से एक्सोप्लैनेट का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जब वे पारगमन करते हैं, या अपने सितारों के सामने से गुजरते हैं। यह विधि वैज्ञानिकों को ग्रहों की उपस्थिति का अनुमान लगाने और उनके आकार, कक्षा और अन्य आवश्यक विशेषताओं पर डेटा इकट्ठा करने की अनुमति देती है। TOI-715 b की खोज आगे के अध्ययन के लिए आशाजनक उम्मीदवारों की पहचान करने की उपग्रह की क्षमता को प्रदर्शित करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की आगामी भूमिका
पृथ्वी से लगभग 1 मिलियन मील की दूरी पर स्थित जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST), TOI-715 b की जांच के अगले चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अपनी उन्नत तकनीक के साथ, JWST दूर के एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल का विश्लेषण कर सकता है, उनकी संरचना और स्थितियों में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। खगोलविद उत्सुकता से TOI-715 b के वातावरण और रहने योग्य क्षमता का पता लगाने के लिए JWST का उपयोग करने की उम्मीद कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अलौकिक जीवन की खोज के लिए निहितार्थ
लाल बौने तारे के आसपास रहने योग्य क्षेत्र में TOI-715 b की खोज पृथ्वी से परे जीवन की खोज में लक्ष्य के रूप में इन तारों के महत्व को पुष्ट करती है। ऐसे क्षेत्रों में चट्टानी ग्रह जीवन-सहायक वातावरण की मेजबानी के लिए प्रमुख उम्मीदवार हैं। TOI-715 b की अनूठी विशेषताएं इसे भविष्य के शोध के लिए एक दिलचस्प विषय बनाती हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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