आप भी जीभ में आर-पार घुसेड़ सकते हैं धातु का त्रिशूल, जानिए विधि
एक धातु के त्रिशूल को जीभ के आरपार करेंगे तो देखने वाला सिहर उठेगा। वह उसे चमत्कार मानने लगेगा। हकीकत में ऐसा नहीं होता, जो दिखता है। हम आपको ऐसा करने की विधि बताएंगे। फिर आप भी ऐसा चमत्कार दूसरों को दिखा सकते हैं।
आवश्यक सामग्री व विधि
एक विशेष बनावट वाले त्रिशूल की हमें इस प्रयोग में आवश्यकता पड़ती है। ऐसा त्रिशूल में एक लूप बना होता है। त्रिशूल के बीच के हिस्से में बने लूप पर जीभ आसानी से फंस जाती है। प्रयोग करते समय हम त्रिशूल के लूप वाले हिस्से को हाथ के अंगूठे से छिपा लेते हैं। अब जीभ को बाहर निकालकर उसमें त्रिशूल की नोक रख देते हैं।

दर्शकों को इतना दिखाने के बाद हम मुंह के आगे हाथ रख देते हैं। फिर जीभ को आसानी से मुंह के अंदर कर लेते हैं। अब त्रिशूल के लूप का हिस्सा हाथ में छिपाए हम त्रिशूल को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सरकाते हैं। मुंह के आगे हाथ लगा होने से देखने वाले को लगता है कि जीभ के अंदर से त्रिशूल निकल रही है। जब लूप वाला हिस्सा जीभ की सीध में आ जाता है तो हम हाथ को मुंह के आगे किए ही जीभ को लूप के हिस्से में सावधानी से फंसा लेते हैं। साथ ही जीभ को बाहर निकालते हुए मुंह के आगे से हाथ हटा देते हैं। देखने वाले को त्रिशूल जीभ के आर-पार नजर आता है।
ये है तथ्य व बरतें सावधानी
यह प्रक्रिया हाथ की सफाई एवं विशेष उपकरण से की जाती है। त्रिशूल के लूप वाले हिस्से को अंगूठे से अच्छी तरह से छिपा लेना चाहिए। त्रिशूल जब नीचे खिसकाया जाता है तो चेहरे में ऐसे भाव आने चाहिए कि दर्द हो रहा है। ध्यान रहे कि त्रिशूल जीभ में चुभने ना पाए। निरंतर अभ्यास से ही ऐसा किया जा सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।