बिजली की दरों में वृद्धि के प्रस्ताव के खिलाफ विपक्ष के राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने किया प्रदर्शन
उत्तराखंड में बिजली के दरों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ विपक्ष के राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने राजधानी देहरादून में जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही कलक्ट्रेट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजेश कपिल के माध्यम से सीएम धामी को ज्ञापन भेजा गया। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम की ओर से 30 नवंबर को विद्युत नियामक आयोग को बिजली की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव भेजने का प्रस्ताव है। यदि ऐसा हुआ तो बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई की बड़ी मार पड़ेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वे बिजली की दरों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ हैं। बार बार ऐसी परंपरा पर अंकुश लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी चार बार बिजली की दरों में वृद्धि की गई थी। इस साल भी चुपके से फ्यूल एवं पावर परचेज के नाम से जुलाई से सितंबर माह तक घरेलू उपभोक्ताओं से 36 पैसे प्रति यूनिट और अक्टूबर तथा नवंबर माह में 27 और 23 पैसे की अतिरिक्त वसूली की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी तरह ऊर्जा निगम की ओर से 30 नवम्बर को विद्युत नियामक आयोग को बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव प्रेषित किया जाना है। ऊर्जा निगम फिजूलखर्ची पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। साथ ही निजी कंपनियों की मनमानी का खामियाजा उपभोक्तों के सिर पर मढ़ा जा रहा है। वहीं, बड़े बकायेदारों के प्रति नरम रवैया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीपीएम से राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश, आयूपी से नवनीत गुंसाई, सुरेशकुमार, जेडीएस से हरजिंदर सिंह, एटक से हरिओम पाली, सीटू से लेखराज, भगवन्त पयाल, जनवादी महिला समिति से इन्दु नौडियाल, सर्वोदय मण्डल से विजयशंकर शुक्ला, यूकेडी से प्रमिला रावत, एआईएलयू से रंजन सोलंकी, पीपुल्स फोरम से जयकृत कण्डवाल, नेताजी संघर्ष समिति से प्रभात डण्डरियाल आदि प्रदर्शन में शामिल थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।