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April 23, 2025

सदाचार, पर्यावरण की रक्षा से ही मानव जाति का उद्धारः आचार्य विपिन कृष्ण कांडपाल

कथा व्यास आचार्य विपिन कृष्ण कांडपाल ने कहा कि सदाचार से ही व्यक्ति का जीवन सार्थक को जाता है। यदि वह प्रकृति प्रेमी हो और पर्यावरण की रक्षा करता हो तो ऐसे व्यक्ति को भगवान भी पसंद करते हैं। देहरादून में सरस्वती विहार विकास समिति अजबपुर खुर्द देहरादून की ओर से शिव शक्ति मंदिर में आयोजित शिव महापुराण के चतुर्थ दिवस पर उन्होंने कथा में सदाचार ही महिला बताई। आचार्य ने कहा कि हमारा व्यवहार ही हमारा परिचय है। यदि मनुष्य सदाचारी होगा तो उसके जीवन के साथ ही उसके साथ रहने वालों को जीवन भी सफल रहेगा। क्योंकि जैसे लोगों का साथ करो, दूसरा भी उसके प्रभाव में उसी तरह का हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि अब लोगों में पुन: सनातन संस्कृति, सभ्यता को अपनाने लिए जागरूकता आ रही है। सत्य, पवित्रता, तप, दया, धर्म ही हमारी संस्कृति की पहचान है। साध्य की प्राप्ति के लिए कथा रूपी साधन श्रेयस्कर है। इस मौके पर कथा व्यास ने चंचुला और विंदुग् का प्रसंग सुनाया जो अपने पथ से पतित हो गए थे। फिर शिवमहापुराण की कथा से कैसे उनका उद्धार हुआ, इस पर उन्होंने व्याख्यान दिया। साथ ही उन्होंने प्रकृति से प्रेम और पर्यावरण की रक्षा पर जोर देते हुए कहा कि जितना संभव हो हमे पेड़ पौधों की रक्षा करें। इन दिनों बरसात में पौधों का रोपण करना चाहिए। ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 


रुद्राक्ष की महिमा का उन्होंने वृहद व्याख्यान किया। साथ ही एक मुखी से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष के बारे में बताया और कहा कि रुद्राक्ष सबको धारण करना चाहिए। रोटी, चोटी और बेटी के महत्व के साथ ही उन्होंने बताया कि भगवान शंकर को जल क्यों चढ़ाते हैं। बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ को क्यों प्रिय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

समिति के सचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि शिव शक्ति मंदिर का जीर्णोद्धार सौंदर्यकरण भक्तों एवं क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से पिछले डेढ़ वर्षो से चल रहा है। इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. बीएस चौहान, वरिष्ठ मंत्री डॉ. अनूप सिंह फर्त्याल, मंदिर संयोजक डॉ. मूर्ति राम बिजलवान, कोषाध्यक्ष डॉ. विजय सिंह रावत, कनिष्ठ मंत्री सुबोध मैठानी, प्रचार सचिव सोहन सिंह रौतेला, डॉ. मंगल सिंह कुट्टी डॉ. जय प्रकाश सेमवाल, डॉ. बगवालिया सिंह रावत, डॉ. सीएम पुरोहित, डॉ. वेद किशोर भट्ट, डॉ. जयपाल सिंह बत्वाल, डॉ. आशीष गुसाईं, डॉ. दीपक काला, डॉ. गब्बर सिंह कैंतूरा, आचार्य उदय प्रकाश नौटियाल, आचार्य सुशांत जोशी, आचार्य अखिलेश बधानी, डॉ. सुरेंद्र पाल अरोड़ा, डॉ. राजेंद्र सिंह नेगी, डॉ.भरत सिंह बिष्ट, डॉ. लेखराज सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. कैलाश राम तिवारी और मंदिर सह संयोजक डॉ. दिनेश जुयाल ने किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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