भू कानून और मूल निवास के मुद्दे पर राज्य आंदोलनकारी नौ अगस्त को करेंगे सीएम आवास कूच

उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारी एक बार फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, दस फीसद क्षैतिज आरक्षण की मांग के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया दोबारे से शुरू करने की मांग को लेकर समय समय पर वे आंदोलन कर रहे हैं। हर बार उन्हें मुख्यमंत्री से आश्वासन तो मिलता है, लेकिन समस्या का समाधान ठंडे बस्ते में चला जाता है। अब राज्य आंदोलनकारियों ने भू कानून और मूल निवास के मुद्दे पर पर भी आंदोलन की रणनीति बनाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में कचहरी स्थित शहीद स्थल पर इस संबंध में बैनर भी लगाए गए हैं। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी मंच की ओर से लगाए गए बैनर में लिखा है कि उत्तराखण्ड में भू-कानून और मूल-निवास 1950 लागू हो। साथ ही कहा गया है कि नौ अगस्त की सुबह 11 बजे देहरादून के परेड ग्राउंड से सीएम आवास तक रैली निकाली जाएगी। ये रैली राज्य में सशक्त भू- कानून की मांग के साथ ही मूल निवास 1950 की मांग को लेकर निकाली जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य आंदोलनकारी मोहन खत्री ने बताया कि उत्तरांड राज्य बनने के आज 23 साल बाद भी राज्य के मूल निवासियों को कोई लाभ नहीं मिला। उल्टे इस राज्य के निवासियों को हर तरफ से नुकसान हुआ है। जल, जंगल और जमीन जो हमारी मुख्य पूंजी है, उसे एक साजिश के तहत बाहरी तत्वों द्वारा सरकारी संरक्षण में जबरन कब्जाया जा रहा है। ऐसे ही सरकारी सेवाओं में बाहरी लोगों को पैसे के बल पर नियुक्तियाँ मिल रही है। हमारा स्थानीय युवा बेरोजगार हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आंकड़े भी यह बताते हैं कि पूरे देश में सबसे ज्यादा बेराजगारी दर उत्तराखंड में है। पूरे प्रदेश में खासकर पहाड़ी जिलों में बाहरी लोगो द्वारा जिस प्रकार अतिक्रमण किया जा रहा है, उससे यहाँ अपराधिक गतिविधयां भी तेज हुई हैं। हमारी सांस्कृतिक पहचान भी खतरे में पड़ गयी है। इन सब के लिए आज तक की सभी सरकारें जिम्मेदार रही हैं। साथ ही उत्तराखण्ड विरोधी नौकरशाह भी जिम्मेदार है। एक एक बार फिर से जनता को अपने अधिकारियों के लिए एकजुट होकर आंदोलन की जरूरत है।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।