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December 28, 2024

जानिए बारिश में कहां से आते हैं घरों में केचुएं, इन देसी उपायों से भगाएं घर से दूर, पढ़िए रोचक तथ्य

बरसात में कीड़े मकोड़ों का घरों में प्रवेश करना आम बात हो गई है। बरसात में तो बाथरूम में केंचुओं का होना आपको परेशानी में डाल सकता है। जब भी हम इन्हें देखते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहली बात आती है कि ये मुख्य रूप से किस जगह से आ रहे हैं और इन्हें दूर कैसे हटाया जा सकता है। बारिश में ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और इससे छुटकारा पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे में बरसात के मौसम में आपकी चिंता घरों में निकलने वाले कीड़े-मकोड़े को घर में घुसने से रोकने की होती है। जहां कुछ कीड़ों के काटने का डर होता है। वहीं, कुछ कीड़े ऐसे होते हैं, जो काटते नहीं पर उन्हें देखते ही मन खराब हो जाता है। केंचुआ कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाता, लेकिन घर में दिखाई दे तो वो परेशान जरूर कर देता है। हालांकि, केंचुए गार्डनिंग और खेती के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। क्योंकि ये मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं। बारिश में केंचुए को घर से दूर रखने के उपाय खोज रहे हैं, तो यहां बताए गए टिप्स आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बेकिंग सोडा की मदद लें
केंचुआ को घर से दूर रखने के लिए नमक, बेकिंग सोडा और विनेगर बहुत कारगर होते हैं। इसके लिए आप बाथरूम, सिंक, बेसिन और घर में मौजूद सभी नाली में दो-तीन चम्मच बेकिंग सोडा डालकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। फिर प्रेशर के साथ पानी चला दें और इसके आसपास की जगह को भी साफ करें। इससे इन जगहों पर मौजूद केंचुए और उनका लार्वा पूरी तरीके से गायब हो जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फिटकरी, कपूर और फिनाइल की गोलियां
हर घर में फिटकरी, कपूर और फिनाइल की गोलियां होती है। यदि आपके पास भी यह सामान है, इन तीनों चीजों को पाउडर बनाकर एक बोतल में भरकर केंचुओं के आने के रास्तों पर स्प्रे कर दें। इस पाउडर को आप पोछे के पानी में भी मिलाकर लगा सकते हैं। बचे हुए पाउडर को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें, ताकि इसका गंध न जाएं। क्योंकि इसके तेज स्मेल के कारण ही केंचुए मरते हैं। नेप्थलीन की गोलियों की स्मेल बहुत ही तेज होती है, इसलिए इससे कीड़े-मकोड़े दूर रहते हैं। ऐसे में केंचुओ को भगाने के लिए किचन और बाथरूम के ड्रेनेज की जाली पर 2-3 गोलियों को रखकर छोड़ दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बाथरूम को ऐसे रखें साफ
दो चम्मच बेकिंग सोडा में ये चीजें डालें, टाइल्स चमकेंगी शीशे जैसी, यदि आपके पास यूरिया है, तो आप बहुत ही आसानी से बरसात में रेंगने वाले कीड़े-मकोड़ों से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए थोड़े से पानी में यूरिया को मिलाकर नाली में डाल दें। ऐसा करने से नाली में चिपके केंचुए समेत दूसरे कीड़े तुरंत मर जाते हैं। आप बाथरूम क्लीनर को भी काम में ले सकते हैं। इसके लिए आप घर की सभी ड्रेनेज पाइप में थोड़ा सा बाथरूम क्लीनर डाल दें और पानी डालकर सफाई कर दें। इससे भी घर में कभी भी केंचुए नजर नहीं आएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वाइट विनेगर का इस्तेमाल करें
सफ़ेद सिरके का इस्तेमाल भी आप केंचुओं और इनके अंडो से जल्दी निजात पाने के लिए कर सकते हैं। इसके लिए आप दो लीटर पानी में तकरीबन दो कप सफ़ेद सिरका मिला कर घोल बना लें। अब इस मिश्रण को बाथरूम, सिंक, बेसिन और घर में मौजूद सभी नालियों के आसपास डालकर कर छोड़ दें। ऐसा आप सप्ताह में दो बार करें। इससे केंचुए घर में आना एकदम छोड़ देंगे। इसलिए पूरे बरसात भर पानी में विनेगर और नमक डालकर पोछा लगाएं। साथी ही एक मग में थोड़ा सा बेकिंग सोडा और नमक मिलाकर दोपहर और रात में सारा काम हो जाने के बाद किचन और बाथरूम के सिंक और ड्रेनेज में डालकर छोड़ दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

साफ-सफाई भी है जरूरी
केंचुओं से छुटकारा पाने के लिए घर में मौजूद सभी सभी छोटी-बड़ी नाली और बाथरूम की साफ़-सफाई बहुत जरूरी है। इसके लिए हर रोज सिंक, बेसिन और बाथरूम को इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरीके से साफ करके सुखा दें। इससे केंचुओं और इनके अंडों को पनपने का अवसर नहीं मिल पायेगा और ये घर में कहीं नजर नहीं आएंगे।
नोटः इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। लोकसाक्ष्य इनकी पुष्टि नहीं करता है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे आते हैं जमीन पर केंचुए
आपको बता दें कि केचुए जमीन की सबसे ऊपरी परत के नीचे पाए जाते हैं। इसे humas कहा जाता है। बरसात के मौसम में जब बारिश पड़ती है तो इससे मिट्टी की ऊपरी परत (humas) अपनी जगह से हट जाती है या बह जाती है। ऐसे में केंचुए तथा अन्य छोटे छोटे जीव जंतु बाहर आ जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बारिश में ही क्यों दिखते हैं केंचुए
अब आप सोच रहे होंगे कि बारिश तो कभी कभी सर्दी या गर्मी में हो जाती है। तब ये केंचुए इतनी संख्या में क्यों नहीं निकलते। सिर्फ बरसात में ही क्यों दिखाई देते हैं। दरअसल, बाकी के मौसम इन जंतुओं के लिए प्रतिकूल होते हैं और वे हाइबरनेशन अर्थात शीत निद्रा में चले जाते हैं। ये अपने अनुकूल मौसम आने पर ही बाहर आते हैं। जैसे- सांप, मेंढक, केचुए, छिपकली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

केंचुए का संक्षिप्त परिचय और उपयोगिता
हमारे देश में सामान्यता पाए जाने वाले केंचुए का वैज्ञानिक नाम Pheritima Posthuma है। केंचुआ ऐनेलिडा संघ का सदस्य है। इसका शरीर कई खंडों का बना होता है। अगर आप इसे ध्यान से देखेंगे तो उसके शरीर पर आपको कई वलय या रिंग जैसी रचनाएं दिखाई देगी। केंचुए के शरीर में 100 से 120 तक खंड होते हैं और यह एक द्विलिंगी (bisexual Or Hermaphodite) प्राणी है। अर्थात इसमें नर और मादा जननांग एक ही शरीर में पाए जाते हैं। केंचुए को किसान का मित्र कहा जाता है। कृषि के क्षेत्र में मिट्टी को उपजाऊ बनाने की दृष्टि से केंचुए की बहुत उपयोगिता है। इनको पालने की विधि को वर्मी कल्चर कहते हैं और इनकी बनाई खाद को वर्मी कंपोस्ट कहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

केंचुओं के बारे में कई रोचक तथ्य
-दुनियाभर में केंचुओं की लगभग 7 हजार से भी अधिक प्रजातियां पायी जाती है जिनमे से करीब 200 प्रजातियां अकेले अमेरिका में पाई जाती है।
-केंचुए अपनी त्वचा से सांस लेते है और उनके पास फेफड़ा या कोई अन्य स्वसन तंत्र नही होता, अगर देखा जाय तो ये इनके लिए ही फायदेमंद है क्योंकि केंचुआ हमेशा मिट्टी में रहता है और त्वचा से सांस लेने में आसानी होती है, हालांकि इन्हें डूबने का खतरा रहता है।
-केंचुओं को अंधेरे में रहना पसंद है इसलिए ये अधिकतर रात को ही बाहर निकलते है और ये दिन के समय लगभग डेढ़ फीट नीचे रहते है इसलिए इन्हें ‘नाईट क्रॉलर’ के नाम से जाना जाता है।
केंचुओं के मुह का पता लगाना बहोत ही मुश्किल होता है क्योंकि इनका मुह और पूंछ एक जैसी होती है और ये दोनों तरफ से चल सकतें है इसलिए यह पता नही लग पाता कि कौन मुह है या कौन पूंछ।
-दुनियां के सबसे बड़े केंचुए ऑस्ट्रेलिया के गिप्सलैंड में पाए जाते है इसलिए इसे केंचुओं का घर भी कहा जाता है, यहां पाए जाने वाले केंचुओं की लंबाई लगभग 3 फ़ीट हो सकती है और कई बार ये एक अजीब सी भयंकर आवाज भी करते है।
-यदि केंचुए को आधा भागों में काट दिया जाय तो ये मरते नहीं बल्कि कटा हिस्सा एक नया केंचुआ बन जाता है लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहाँ से काटा गया है, कटा टुकड़ा कितना बड़ा है।
-केंचुए बिल्कुल भी नुकसानदेह नही होते है और इन्हें आप अपने हाथ से पकड़ सकते है हालांकि इनकी 50 ऐसी प्रजातियां है जिनको आक्रामक माना जाता है।
-केंचुए सिर्फ गले सड़े फल और सूखे पत्ते खातें है।
-केंचुए मिट्टी में नमी बनाने और पोषक तत्वों को स्थान्तरित करने में बहोत मदद करते है इसके अलावा ये पक्षियों के भोजन का स्रोत है।
-भारत मे कुछ जगहों पर केंचुओं से मछलियों को भी मारा जाता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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