ललित मोहन गहतोड़ी का गीत-कतई कतई
कतई कतई…
सुनो श्रीमती… क क क क कलावती…
बोले पति… तुम कतई कतई…
क क क कतई कतई तुम…
ज्ञानांक्षुर मेरे खोल दिए तुमने
बोल दो मीठे बोल दिए तुमने…
तुम ही प्रियतमा तुम घरवाली
मैं तुम्हारा पति पति…
सुनो श्रीमती…
भूत भविष्य को छोड़ के आजा
वर्तमान में लौट के आजा…
आ मिलकर हमजोली गाएं
हम दिलवाले लखपति…
सुनो श्रीमती…
अर्धांगिनी हो तुम मेरी
मैं तुम्हारा गंगाधर हूं…
खाओ कसमें हम रहें वश में
बनूंगा पत्नीव्रता पति…
सुनो श्रीमती…
रचनाकार का परिचय
रचनाकार ललित मोहन गहतोड़ी काली कुमाऊं चंपावत से प्रकाशित होने वाली वार्षिक सांस्कृतिक पुस्तक फुहारें के संपादक हैं। वह जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट जिला चंपावत, उत्तराखंड निवासी हैं। उनका कहना है कि जल्द वह फल्गुनी फुहारें का पांचवां विशेषांक प्रकशित करने जा रहे हैं इसमें पिछले सौ वर्ष पूर्व की रचनाकारों की हस्तलिखित पुस्तक के कुछ विशेष रचनाओं का भी प्रकाशन किया जाएगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।