उत्तराखंड में बारिश के नाम पर हो रहा छिड़काव, पेयजल आपूर्ति गड़बड़ाई, आठ दिन तक दून में होगी बारिश
उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों में कहीं कहीं बारिश हो रही है। वहीं मैदानी इलाकों में बारिश के नाम पर कुछ मिनट के लिए छिड़काव हो रहा है। राजधानी देहरादून में पानी की किल्लत चरम पर है। जहां सामान्य रूप से ग्रेविटी के जरिये आपूर्ति होती थी, वहां भी पेयजल आपूर्ति एक दो दिन छोड़कर हो रही है। ऐसा नहीं है कि कई स्रोतों में पानी की कमी नहीं है। सिर्फ वितरण में जानबूझकर की जा रही अनियमितता ही इसका कारण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पानी पर्याप्त है, लेकिन बहाने भी ज्यादा हैं। एक बात और है कि यदि गर्मियों में पानी की किल्लत नहीं दर्शाएंगे तो ठेकेदारों को काम कहां से मिलेगा। इसलिए जानबूझकर पानी की किल्लत दर्शायी जा रही है। कैनाल रोड, बारीघाट, साकेत कालोनी, आर्यगर सहित कई इलाकों में ग्रेविटी के जरिये पानी की आपूर्ति होती है, लेकिन ऐसे इलाकों में दो से तीन दिन के अंतराल में पानी की आपूर्ति हो रही है। कारण ये है कि आर्यनगर के एक इलाके में पहले से पेयजल लाइन बिछी है। वो भी पुरानी नहीं है। फिर दोबारा से लाइन बिछाई जा रही है। यदि पानी की किल्लत हीं दर्शाएंगे तो लाइन बिछाने और ठेकेदारों की मौज के लिए बजट कैसे स्वीकृत होगा। ये उदाहरण है। सारे राज्य का ऐसा ही हाल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, पानी शुद्धिकरण के नाम पर पैसा कहां जा रहा है, ये भी सोचनीय प्रश्न है। कारण ये है कि एक बाल्टी पानी भरकर यदि कुछ घंटे तक छोड़ दो तो नीचे मिट्टी की परत दिखने लगेगी। सवाल ये है कि पानी की कमी होती तो होली के दिन पूरे दिन भर आपूर्ति कैसे हो जाती है। क्या ऐसा सिस्टम साल भर लागू नहीं हो सकता है। दूसरा सवाल है कि यदि आपूर्ति के समय बिजली गुल हो और बाद में बिजली आ जाए तो पंप चलाने वाले की ड्यूटी का समय पूरा हो गया तो वह घर चला जाता है। वह दूसरे दिन आपूर्ति करता है। यदि दूसरे दिन भी ड्यूटी के समय पर बिजली चली जाए तो फिर यही क्रम चलता है। ऐसी समस्या का इलाज जल संस्थान क्यों नहीं कर रहा है। मुख्य कारण है कि किल्लत नहीं दर्शाएंगे तो काम कहां से करेंगे। जल निगम में तो वेतन ही काम करने पर मिले सेंटेज पर मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब नियम निर्माताओं को ही देख लो, वो तो इस मंदिर में माथा टेका, यहां फलूदा खाया, यहां फीता काटा। यहां लव जिहाद और लैंड जिहाद के खिलाफ बोला। जल्द आएगा यूनिफॉर्म सिविल कोड। वे तो इन सब मामलों में ही व्यस्त हैं। बाकि मुद्दे और समस्या भूल जाओ। वहीं जनता की सहनशक्ति का भी जवाब नहीं। चार सौ रुपये का गैस सिलेंडर साढ़े चार सौ का हुआ तो सड़कों पर उतर जाती थी, लेकिन अब पानी की किल्लत को भी शायद देश की तरक्की से जोड़कर देखने लगी है। विरोध सिर्फ व्हाट्सएप ग्रुप तक सीमित रह गया है। अधिकारी मौज ले रहे हैं और जनता त्रस्त है। मौज शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया कि यदि मौज नहीं होती तो रिटायरमेंट के बावजूद भी पेयजल संसाधन के कई ऐसे अधिकारी जो दोबारा से किसी ना किसी एजेंसी में पेयजल को लेकर कार्यरत नहीं होते। इसके बावजूद जनता को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। विपक्षी राजनीतिक दल भी एक दो बार हो हल्ला मचाकर इतिश्री कर रहे हैं। कल ही कांग्नेस के प्रदेस अध्यक्ष करन माहरा ने भी इसी समस्या को लेकर सवाल उठाए, जो बयान तक सीमित हैं। नमन है सहनशील जनता को। अब समस्या बेकार की बातें हैं। ऐसे में बेकार की बातों पर लिखना ही बेकार है। जनता को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। ऐसे में हम मौसम पर ही चर्चा कर लें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मौसम का हाल
उत्तराखंड में इन दिनों पहाड़ों में कहीं कहीं बारिश हो रही है। बारिश भी ऐसी जैसा मौसम विभाग का पूर्वानुमान होता है। यानि कि कहीं कहीं हल्का छिड़काव हो जाता है। राजधानी देहरादून में तो यही हो रहा है। प्रकृति पर किसी का जोर नहीं, लेकिन पूर्वानुमान हर दिन गलत साबित हो रहा है। ओरेंज अलर्ट वाले दिन कड़ी धूप निकल रही है। यदि मौसम विभाग की बात करें तो 23 जून तक उत्तराखंड में लगातार बारिश का दौर जारी रहेगा। वहीं, देहरादून में भी 26 जून तक बारिश रहेगी। भले की दो बूंद नलों में जल की तरह टपके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मौसम का पूर्वानुमान
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, आज 19 जून को पर्वतीय जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम और मैदानी इलाकों में बहुत हल्की से हल्की बारिश की उम्मीद है। आज बारिश प्रभावित इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 23 जून तक राज्यभर में बारिश की संभावना है। इस दौरान 22 और 23 जून को कई इलाकों के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही इतने दिन तक येलो अलर्ट भी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तापमान की स्थिति
देहरादून में आज 19 जून से लेकर 26 जून तक बारिश की संभावना है। दोपहर करीब 12 बजे तक देहरादून का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के करीब था। इसके अधिकतम 34 डिग्री व न्यूनतम 25 डिग्री रहने की संभावना है। 20 जून से 26 जून तक अधिकतम तापमान घटते घटते 33 डिग्री से 28 डिग्री तक पहुंच जाएगा। इसी तरह न्यूनतम तापमान भी 26 डिग्री से घटते घटते 23 डिग्री तक पहुंच सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में गर्मी से राहत मिलेगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।