महापंचायत पर अड़े हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका, कई गिरफ्तार, हाईकोर्ट के सख्त निर्देश, कौमी एकता को लेकर धरने
उत्तराखंड महापंचायत को लेकर सरकार को हाईकोर्ट के सख्त कार्रवाई के निर्देश के बावजूद पुलिस उत्तरकाशी जिले में हिंदूवादी संगठनों को सड़क पर उतरने से नहीं रोक पाई। हालांकि, पुलिस ने महपंचायत के लिए पुरोला जाने पर अड़े लोगों को रोक लिया। इस दौरान पुलिस के साथ ऐसे लोगों की धक्कामुक्की भी हुई। वहीं, विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने कौमी एकता को लेकर धरने दिए। ये धरने घरों के आसपास या घर पर ही दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुरोला में तनावपूर्ण माहौल
उत्तरकाशी जिले के पुरोला में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। यमुना घाटी के तीनों बाजार बंद कर दिए गए हैं। बड़कोट, पुरोला, नौगांव के सभी बाजारों में कोई दुकान नहीं खुली। वहीं महापंचायत के लिए पुरोला जाने की जिद पर अड़े हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं व व्यापारियों को पुलिस ने पुरोला जाने से रोक दिया। पुलिस के साथ देर तक नोंकझोक के बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए, जिसके चलते यहां लंबा जाम लग गया। आज गुरुवार 15 जून को पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत को लेकर जिला प्रशासन ने बुधवार शाम ही क्षेत्र में धारा-144 लागू कर दी थी। जिले के बॉर्डर भी सील कर दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रुद्रसेना के संस्थापक गिरफ्तार
महापंचायत के लिए पुरोला जाने की कोशिश कर रहे रुद्रसेना के संस्थापक राकेश तोमर उत्तराखंडी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं बजरंग दल का दावा है कई कार्यकर्ता पुरोला पहुंचे हैं। यमुनाघाटी हिन्दू जागृति मंच के संयोजक केशव गिरी महाराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके बाद धरने पर बैठे सभी लोगों ने गिरफ्तारी दी।गिरफ्तार किए व्यापारी और हिन्दू संगठन के लोगों को वाहन में बैठाकर पुलिस ने धरना स्थल से आधा किमी दूर ले जा कर छोड़ दिया। केशव गिरी महाराज ने अब 25 जून को बड़कोट में महा पंचायत होने की घोषणा की है। धरने की वजह से करीब ढाई घंटे तक पुरोला बफकोट मार्ग बंद रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने उत्तरकाशी के पुरोला में 15 जून को बुलाई गई महापंचायत पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका पर मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को इस तरह के मामलों में विधि के अनुसार सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में कोई टीवी डिबेट नहीं होगी और न ही इंटरनेट मीडिया का उपयोग किया जायेगा। आपत्तिजनक नारों पर भी रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज है, पुलिस उसकी जांच करे और राज्य सरकार को इस मामले में तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसोसिएशन फॉर द प्रोटक्शन ऑफ सिविल राइट्स के सदस्य अधिवक्ता शाहरुख आलम ने बुधवार की दोपहर को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष पुरोला में तनाव के बीच 15 जून को हिन्दू संगठनों की महापंचायत पर रोक लगाने को जनहित याचिका दाखिल की थी। जिसे गुरुवार को फिर से मेंशन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार ने याचिका को बताया फर्जी व एकपक्षीय
सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने याचिका को फर्जी व एकपक्षीय तथा राजनीति से प्रेरित करार देते हुए निरस्त करने की प्रार्थना की। महाधिवक्ता ने बताया कि महापंचायत को आयोजकों ने खुद ही स्थगित कर दिया है। डीजीपी ने खुद इसकी जानकारी दी है। कहा कि याचिकाकर्ता को घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उत्तरकाशी के मामले का टिहरी गढ़वाल होने का उल्लेख किया है। एक पक्ष को आरोपित बनाया है जबकि दूसरे पक्ष के अपराधों को छिपाया है। हिंदू पक्ष पर आरोप लगाए हैं, लेकिन उन्हें याचिका में पक्षकार नहीं बनाया। उन्होंने बताया कि याचिका के बारे में फर्जी बयान दिए जा हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कौमी एकता के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक संगठन एकजुट
उत्तराखंड के पुरोला एवं राज्य के विभिन्न हिस्सों में साम्प्रदायिक तनाव के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा धामी सरकार की गैरजिम्मेदाराना वक्तव्य के खिलाफ तथा साम्प्रदायिक सौहार्दपूर्ण बनाये रखने के लिये आज गुरुवार को जनहस्तेक्षप के बैनर के तले कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने अपने अपने घरों से प्ले कार्ड के माध्यम से व्यापक एकजुटता का प्रदर्शन किया। इस अवसर संविधान बचाओ, देश बचाओ, उत्तराखंड मे आपसी सदभाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करो, आदि के नारे के साथ लोग धरने पर बैठे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में इस कार्यक्रम में सीटू की ओर से महेन्द्र जखमोला, लेखराज, सीपीएम की ओर से अनन्त आकाश, एटक की ओर से हरिओम पाली, जनवादी महिला समिति इन्दु नौडियाल, नुरैशा अंसारी, पीएसएम विजय भट्ट, भगवन्त पयाल, रविन्द्र नौडियाल भाकपा माले के इंद्रेश मैखुरी, हरीश सहित जन हस्तक्षेप, चेतना आंदोलन आदि बड़ी संख्या में विभिन्न संगठन शामिल हुए। कई लोग अपने घरों के बाहर, पार्क और घरों में ही नारे लिखे प्ले कार्ड के साथ धरने पर बैठे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले के कस्बे पुरोला में 26 मई को एक नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश हुई। नाबालिग को भगाने के आरोप में बिजनौर के रहने वाले हिंदू युवक जितेंद्र सैनी पुत्र अंतर सैनी और मुस्लिम युवक उवेद खान पुत्र अहमद को कुछ लोगों ने पकड़ा और पुलिस को सौंप दिया। दोनों युवकों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद बात खत्म नहीं होती और इस मामले ने लव जिहाद का रूप लिया। पुरोला के साथ-साथ उत्तरकाशी जिले के छोटे बड़े कस्बों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। आरोपी तो हिंदू भी था, लेकिन अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाने लगा। फिर सवाल ये है कि इसे लव जिहाद से कैसे जोड़ा जा सकता है। चार जून की रात को देवभूमि रक्षा संगठन ने पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों के बाहर पोस्टर चिपका दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पोस्टर्स में 15 जून को महापंचायत का आह्वान किया गया। इसके पहले मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें खाली करने की चेतावनी दी गई। नतीजा ये हुआ कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष जाहिद, मंडल अध्यक्ष शकील अहमद सहित 12 व्यापारियों ने दुकान खाली करने के साथ पुरोला छोड़ दिया। दुकान छोड़ने वाले दो व्यापारी पुरोला में अपने मकान पर रह रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।