ग्राफिक एरा में विश्व पर्यावरण दिवस पर सम्मेलनः आग से बचाने को जंगलों में चाल-खाल बनाएं
पर्यावरणविद् और पानी रखो आन्दोलन के संस्थापक डा. सच्चिनानन्द भारती ने कहा कि चाल-खाल पहाड़ों में बनाने से पानी इकठ्ठा होता है, जिससे जंगलों की आग से बचा जा सकता है। डा. भारती आज ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में पर्यावरण दिवस पर सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर नेशनल सेण्टर फोर गुड गवर्नेन्स के प्रोग्राम अध्यक्ष डा. बीएस बिष्ट मौजूद रहे। उन्होंने सम्मेलन में माईग्रेशन को रोकने के लिए विभिन्न पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि पर्यावरण सम्बन्धित प्रोग्राम्स को तीन पहलू जैसे प्लास्टिक को कम करना, जागरूकता कार्यक्रम और वृक्षारोपण अभियान में सबसे ज्यादा फोकस रहना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सेण्टर फोर आइडिया इनोवेशन एण्ड एनवायरमेण्ट की प्रो. रीमा पन्त ने कहा कि प्लास्टिक एकमात्र ऐसी चीज है जो सौ प्रतिशत रियूज और रिसाईकल नहीं हो सकती। इसे रोकने के लिए प्लास्टिक को माइक्रो प्लास्टिक में बदल सकते हैं जिससे प्लास्टिक की मात्रा कम हो जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की प्रो. वाईस चांसलर डा. आर. गौरी, डायरेक्टर जनरल डा. एचएन नागराजा, पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष डा. कमल कांत जोशी, कम्प्यूटर सांइस के विभागाध्यक्ष डा. शुभाशीष बोर्डलाई एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। इस सम्मेलन को पर्यावरण विभाग और कम्प्यूटर सांइस विभाग ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। कार्यक्रम का संचालन अंशु शर्मा ने किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।