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December 23, 2024

भारत में यहां फसल को पिलाई जा रही है शराब, गिनाए जा रहे हैं कई फायदे, खेतों में जाने पर चढ़ने लगता है नशा

दुनिया में हर रोज अजीबों-गरीब चीजें सुनने या देखते को मिलती हैं। आम तौर पर इंसान ही शराब का सेवन करते हैं, लेकिन इसे अब पौधों को दिया जाने लगा है। ऐसी हैरानी वाली खबर दूसरे देश की नहीं है, बल्कि हमारे भारत की है। ऐसा प्रयोग पहले राजस्थान में करीब छह साल पहले किसानों ने किया। इसके बाद अब मध्य प्रदेश के कुछ किसान पौधों के लिए इसे फायदेमंद मान रहे हैं। यहां के किसान हर रोज पौधों पर शराब छिड़क रहे हैं। ऐसा करने का कारण उन्होंने जो बताया है, उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

करीब छह साल पहले जयपुर से खबर आई थी कि फसलों की ग्रोथ और पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों ने नया तरीका इजाद किया है। शेखावटी के किसानों ने खेतों में कीटनाशक की बजाय देसी और अंग्रेजी शराब का छिड़काव कर रहे हैं। किसानों के अनुसार कीटनाशकों के दाम बहुत ज्यादा होने से फसलों को बचाने के लिए शराब का इस्तेमाल शुरू किया गया है। इससे फसलों में ग्रोथ भी हो रही है और पैदावार भी बढ़ रही हैं। किसानों का तर्क है कि आधा बीघा खेत में 25-30 एमएल शराब काफी है। झुंझुनूं, सीकर, चूरू जिलों के कई खेतों में किसान देसी व अंग्रेजी शराब का छिड़काव करते हुए देखे पाए गए थे। अब एमपी सहित कई राज्यों में इस तरह के प्रयोग की खबर आ रही है। हालांकि, कृषि वैज्ञानिक इस तरीके को गलत बताते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लहलहाती फसलों से उठती है शराब की गंध
ऐसे क्षेत्रों में लहलहाती फसलों से उठती शराब की दुर्गंध से महसूस होता है कि फसलें शराब के नशे में झूम रही हैं। यही नहीं, खेतों में जाने वाले को भी नशा सा छाने लगता है। फल और सब्जियों पर तो आमतौर पर देशी शराब का छिड़काव किया जाता रहा है, लेकिन फसलों पर देशी और अंग्रेजी शराब बहाई जा रही है। हालांकि, कृषि विशेषज्ञ इस तरह के किसी भी साइंटिफिक रिसर्च से इनकार करते हैं, लेकिन किसानों का तर्क है कि शराब फसल और सब्जियों के लिए महंगे कीटनाशकों से ज्यादा उपयोगी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब यहां के किसान कर रहे हैं शराब का इस्तेमाल
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम इलाके में किसान मूंग की फसल पर देसी शराब छिड़क रहे हैं। उनका मानना है कि इससे उत्पादन ज्यादा होगा। वहीं, कीड़े भी फसल से दूर रहेंगे। किसानों ने बताया कि ऐसा करने से फसल पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, फसल तैयार होने के बाद इसे खाने वालों को भी शराब के छिड़काव से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। नर्मदापुरम के अलावा मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी किसान उत्पादन में वृद्धि को लेकर इस तरह का कदम उठा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे किया जाता है इस्तेमाल
किसान बताते हैं कि देसी शराब कीड़ों के लिए बहुत ही खतरनाक है। इसे पौधों पर छिड़कने से वह तुरंत खत्म हो जाते हैं। हालांकि, किसान शराब को फसलों पर डायरेक्ट नहीं छिड़कते हैं। क्योंकि, इससे पौधों को भी नुकसान पहुंचता है. सबसे पहले इसमें कुछ मात्रा में पानी मिलाया जाता है। इसके बाद, इन्हें फसलों पर छिड़कते हैं। पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए शराब का इस्तेमाल किसान इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह उपाय काफी सस्ता है। किसानों का तर्क है कि रासायनिक उर्वरक व पेस्टिसाइड्स काफी महंगे होते हैं। हर साल किसानों को इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में यह जुगाड़ सस्ता के साथ कारगर भी साबित हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पैदावार ज्यादा, कीट का डर नहीं
किसानों का मानना है कि देशी और अंग्रेजी शराब के इस्तेमाल के बाद उनकी पैदावार में इजाफा हुआ है। राजस्थान में तो किसान चने की खेती में कीटनाशक की जगह शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण पैदावार में इजाफा हुआ है। किसान बताते हैं कि शराब के छिड़काव से तीसरे ही दिन सब्जियों के पौधों से पीलापन दूर होने लगता है उनकी ग्रोथ भी बड़ती है। कीट और अन्य बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। फल बनने से पहले फूल सूखने की समस्या भी समाप्त हो जाती है। नए फूल और फल लगने लगते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आधा बीघा में काफी है 30 एमएल
किसानों का तर्क है कि आधा बीघा खेत में 25-30 एमएल शराब काफी है। अधिकांश किसान 11 लीटर और 16 लीटर की स्प्रे मशीन में 100 एमएल तक देसी और अंग्रेजी शराब मिलाकर छिड़काव करते हैं। कई किसान प्रति बीघा करीब 150-200 एमएल शराब का इस्तेमाल करते हैं। खेती में शराब के इस्तेमाल से शेखावाटी में इसकी खपत बढ़ गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कृषि वैज्ञानिक ने कहा, गलत है यह काम
वहीं कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में शराब का छिड़काव करना अनावश्यक है। इससे फसल को किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं है। हां, अगर कीटनाशक के साथ शराब मिलाकर सिंचाई की जा रही है, तो उससे साइड इफेक्ट हो सकता है, जिसके कारण फसल को नुकसान हो सकता है। हम किसानों से यही अपील करते हैं कि फसल में शराब का छिड़काव ना करें।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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