उत्तराखंड विधानसभा सत्र में 4063.79 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, सदन के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

उत्तराखंड विधानसभा का सत्र शुरू होने पर दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना सहित चार पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई। कोरोना संक्रमित होने के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सदन नहीं पहुंचे। वह घर से ही वर्चुअल रूप से सत्र से जुड़े। वहीं, कांग्रेस ने सत्र की कम अवधि को लेकर आपत्ति जताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की। सोमवार को 4063.79 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया। राजस्व मद में 2071.42 करोड़ और पूंजीगत मद में 1992.36 करोड़ का प्रविधान किया गया। सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। अगले दिन प्रश्नकाल चलेगा और अनुपूरक मांगों पर चर्चा के साथ ही पांच विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। सत्र में कांग्रेस ने सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना, पूर्व विधायक केसी पुनेठा, सुन्दरलाल मंद्रवाल, अनुसूया प्रसाद मैखुरी और तेजपाल सिंह पंवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना का भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि जीना जी युवा, कर्मठ और ऊर्जावान विधायक थे। उन्होंने पूर्व विधायक स्वर्गीय केसी पुनेठा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे बहुत जुझारू व सहनशील व्यक्तित्व के थे। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय अनुसूया प्रसाद मैखुरी का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अत्यंत विनम्र और सज्जन थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2002-03 में एक आंदोलन के दौरान उन्हें गम्भीर चोट लगी तो मैखुरी जी ने उनका हाथ पकड़ कर अस्पताल जाने को कहा। पूर्व विधायक स्वर्गीय सुन्दरलाल मंद्रवाल विनम्रता और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व थे। वे सच्चे मायनों में गांधीवादी थे। उनमें कोई अहम नजर नहीं आता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व विधायक स्वर्गीय तेजपाल सिंह पंवार सीधी और सपाट बात करते थे। उन्होंने कभी असत्य का सहारा नहीं लिया।
सरकार पर उपेक्षा का आरोप
दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के मामले में सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। सदन से बाहर पत्रकारों से बातचीत में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा व कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सत्तारूढ़ दल के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल के सदन में दिए वक्तव्य का उल्लेख किया। विधायक जीना की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी, बावजूद इसके सरकार ने उनकी अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ नहीं की। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभाओं में विधायक के निधन के बाद शोक स्वरूप सदन की कार्रवाई स्थगित रखने की परंपरा है। सरकार ने इसका पालन नहीं किया। निधन के निदेश के बाद अनुपूरक बजट रखा जाना सरकार की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिह्न है।
सदन के बाहर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेरने की कोशिश की। इस दौरान एक तरफ कांग्रेस के विधायकों ने सदन के अंदर सरकार पर हमला बोला। वहीं सड़कों पर यूथ कांग्रेस ने ‘रोजगार दो या गद्दी छोड़ दो’ नारे के साथ विधानसभा कूच करने की कोशिश की। विधानसभा घेराव में पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश सहप्रभारी राजेश धर्माणी, युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना आदि शामिल थे।
सबसे पहले सैकड़ों कांग्रेसी रेस कोर्स स्थित बन्नू स्कूल में एकत्रित हुए। यहां से सभी ने विधानसभा कूच किया। कांग्रेसियों को पुलिस ने रिस्पना पुल से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया जहां पुलिस और कांग्रेसियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस भाजपा का सत्ता से उखाड़ फेंकेगी। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया। वहीं, शाम को काग्रेस ने शोकसभा का आयोजन कर दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि दी। साथ ही तीन दिवसीय शोक घोषित कर सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।