कमजोर भाजपा नेतृत्व और निर्णय की अक्षमता का खामियाजा भुगत रहा है उत्तराखंडः करन महारा
उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने बीजेपी नेतृत्व को कमजोर बताया। साथ ही कहा कि बीजेपी के स्थानीय नेताओं के निर्णय लेने की क्षमता का ना होना और बात बात पर दिल्ली की तरफ झांकने का खामियाजा पूरे प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सूबे के मंत्रिमंडल के चार पद रिक्त चल रहे हैं। इनमें तीन पद तो लंबे अरसे से खाली थे, परंतु चंदन राम दास के निधन के बाद चौथा पद भी खाली हो गया। इसके बावजूद सीएम धामी मंत्रिमंडल का विस्तार तक नहीं कर पाए हैं। क्योंकि उन्हें बार बार केंद्रीय नेतृत्व की तरफ देखना पड़ता है। उनका अपना कोई निर्णय नहीं होता है। वह तो बस एक कठपुतली के समान हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने सरकार की कमजोर निर्णय क्षमता को ही इसका जिम्मेदार ठहराया है। महारा ने कहा के दरअसल भाजपा में अंतर्द्वंद अंतर कलह इतने चरम पर पहुंच गई है कि मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल के पद भरकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मारना चाहते। महारा ने कहा कि हर विधायक टकटकी लगाकर मंत्री बनने के सपने पाले हुए हैं, ऐसे में जो मंत्री नहीं बनाए जाएंगे, उनका आक्रोश खुलकर बाहर आएगा। धामी नहीं चाहते कि नगर निगम और लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का मतभेद और मनभेद दोनों सड़कों पर आ जाए, जो कि निश्चित रूप से होना ही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महारा ने चुटकी लेते हुए कहा कि धामी जी से इतना जरूर निवेदन है कि अपने मंत्रि नियुक्त करते वक्त वह विधायक के आचरण चरित्र और संस्कार देखकर ही नियुक्ति करें। ऐसा ना हो कि नवनियुक्त मंत्री भी शहरी विकास एवं वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल की तर्ज पर बाहुबली निकलें। फिर सड़क पर पार्टी की रीति नीति का खुलकर प्रदर्शन करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महारा ने यह भी कहा कि हमें समझना होगा कि वैसे ही उत्तराखंड के मंत्रिमंडल का स्वरूप और आकार बहुत छोटा है। उसमें भी चार मंत्रियों के पद रिक्त होना प्रदेश के विकास की गति को धीमी करता है। मुख्यमंत्री धामी के पास पहले से ही बहुत अधिक विभाग हैं, जिनके साथ वह न्याय नहीं कर पा रहे हैं। अब चंदन राम दास के विभाग भी मुख्यमंत्री ने अपने अधीन ले लिए हैं, तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महारा ने यह भी कहा कि पिछले छः सालों में एक दिन का सत्र भी सोमवार को नहीं आहूत किया गया। क्योंकि मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित सवाल सोमवार को ही पूछे जा सकते हैं। ऐसे में अपनी विभागों की अकर्मण्यता छुपाने के लिए धामी सरकार सोमवार को सत्र आहूत करने से ही बचती रही है। ताकि विपक्ष और अपने ही विधायकों के सवालों के जवाब ना देने पड़ें। जो कि लोकतंत्र और पारदर्शि व्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महारा ने दायित्व बंटवारे को लेकर भी भाजपा संगठन को आड़े हाथों लिया। महारा ने कहा कि भाजपा प्रतिदिन अपने कार्यकर्ताओं को झुनझुना देती है कि वह जल्द ही दायित्वो का बंटवारा करने जा रही है, परंतु वहां भी शायद सभी गुटों को साध पाने की चुनौती आड़े आ रही है। महारा ने कहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा कांग्रेसियों को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मजबूर किए जाने की बात कही है, जो कि बिल्कुल सत्य है। महारा ने कहा कि जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री और समूची भाजपा बजरंगबली और बजरंग दल को एक-दूसरे का पर्याय बनाने पर उतारु हो रही है, कांग्रेस पार्टी की हनुमान चालीसा मुहिम उसी का विरोध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महारा ने कहा कि पवनसुत हनुमान हम सब के आराध्य हैं जिनके कर्तव्य निष्ठा समर्पण भाव से हम सब को प्रेरणा मिलती है। बजरंगबली तो संकटमोचक हैं, लेकिन भाजपा का अंग बजरंगदल समाज के संकट में उसके कब काम आया? महारा कहा कि प्रदेश में जभी भी कोई विपदा या त्रासदी आई बजरंग दल कभी भी किसी राहत कार्य में सक्रिय नहीं दिखा। जब भी गरीबों, मजलूमों या महिलाओं पर कोई अत्याचार या अन्याय हुआ है वहां भी कहीं बजरंग दल खड़ा नहीं नजर आया। ऐसे में जब जब भाजपा हमारे आराध्य से अपने स्तर हीन और अराजक घटक दलों की तुलना करेगी, तब तब उनको आईना दिखाने के लिए और चेताने के लिए कांग्रेस पार्टी ऐसे ही पाठ आयोजित करके विरोध प्रदर्शित करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महारा ने भाजपा के उस बयान को भी हास्यास्पद बताया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर जुम्मे के दिन हनुमान चालीसा पाठ करने का आरोप लगाया है। महारा ने कहा कि जैसे सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखाई पड़ता है। वैसे ही भाजपा को सपने भी इस्लाम के ही आते हैं। महारा ने कहा की भाजपा के कूपढ़ नेताओं को विगत दिवस केवल जुम्मा दिखा, जबकि बीते रोज़ बुद्धपूर्णिमा जैसा पवित्र दिन भी था यह भाजपाई भूल गए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।