पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान, कर्मचारी संगठन नाखुश, पढ़िए विस्तार से खबर
सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन को लेकर बड़ी खबर आई है। देश भर के कई राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। वहीं, कई राज्यों में इसको लागू करने को लेकर हड़ताल और प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री के ऐलान से कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, कर्मचारी संगठन इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुरानी पेंशन स्कीम का मिलेगा फायदा
बताया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों को अब पुरानी पेंशन योजना का फायदा मिल सकता है। अब न्यू पेंशन स्कीम में होने के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का फायदा ले सकते हैं। सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम का ऑप्शन सलेक्ट करने के लिए एक कमेटी बनाई है। बता दें ये कमेटी न्यू पेंशन स्कीम को OPS के बराबर ही पॉपुलर बनाएगी। इसमें भी गारंटीड रिटर्न के साथ कमाई पर भी फोकस रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वित्त मंत्रालय कर रहा है समीक्षा
देशभर में कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर काफी प्रदर्शन कर रहे हैं। कई राज्यों में इसको लागू भी कर दिया गया है। इसी वजह से केंद्र सराकर में इसको लेकर मांग काफी तेज हो गई है। फिलहाल अभी तक इसको केंद्र सरकार के लेवल पर लागू नहीं किया जा रहा है और इस तरह की कोई चर्चा भी नहीं है। वहीं, न्यू पेंशन स्कीम में गारंटीड रिटर्न पर वित्त मंत्रालय समीक्षा कर रहा है। इसमें प्लान बनाया जा रहा है कि कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम में ही ओल्ड पेंशन का फायदा मिल जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गिनाए जा रहे हैं कई फायदे
प्रचारित किया जा रहा है कि मिनिमम गारंटीड पेंशन वाला सिस्टम न्यू पेंशन स्कीम में भी लाने का प्लान बना रही है, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी एक्सट्रा फायदा मिलेगा। इसके साथ ही सरकार अपने कंट्रीब्यूशन को भी 14 फीसदी से ज्यादा बढ़ाने का प्लान बना रही है। सरकारी खजाने पर बिना बोझ डाले कंट्रीब्यूशन को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है, इस पर सरकार की ओर से चर्चा की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुरानी पेंशन योजना के फायदे
पुरानी पेंशन योजना के फायदे की बात की जाए तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आखिरी ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है। इसके अलावा इसमें महंगाई दर बढ़ने के साथ ही डीए में भी इजाफा होता है। जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में इजाफा होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्मचारी संगठन संघर्ष के मूड में
पुरानी पेंशन के मुद्दे पर केंद्रीय कर्मचारी संगठन, संघर्ष के मूड में हैं। गत सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने की घोषणा पर कर्मियों को भरोसा नहीं है। यह कमेटी एनपीएस में सुधार के लिए गठित की गई है। कमेटी यह भी पता लगाएगी कि केंद्रीय कर्मचारी, एनपीएस के साथ खुश हैं या नहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समति के गठन को एनजेसीए ने किया खारिज
ओपीएस बहाली के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के सदस्य सी. श्रीकुमार ने कहा कि हम एनपीएस में सुधार के लिए किसी भी समिति के गठन को अस्वीकार करते हैं। किसी भी कर्मचारी संगठन ने एनपीएस में सुधार की मांग नहीं की है। केंद्र या राज्य, सभी कर्मचारी संगठन ‘ओपीएस’ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कर्मियों की एक ही मांग है, एनपीएस की समाप्ति और पुरानी पेंशन योजना की बहाली। कोई व्यक्ति महज दो चार हजार रुपये की मासिक पेंशन में कैसे गुजारा कर सकता है। ‘एनपीएस’ को किसी भी तरह से ‘ओपीएस’ के समकक्ष या उसके करीब भी नहीं माना जा सकता। आने वाले दिनों में एनपीएस के खिलाफ आंदोलन तेज होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तेज होगा आंदोलन
केंद्रीय कर्मचारी संगठन, नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के तहत ओपीएस के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इस साल 21 जनवरी को दिल्ली में आयोजित एनजेसीए की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे। केंद्र सरकार को आठ माह का समय दिया गया है। अगर इस अवधि में पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो 19 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा। इससे पहले छोटे-बड़े कई तरह के आंदोलन होंगे। यूनिट स्तर पर गेट मीटिंग करने का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। सी. श्रीकुमार बताते हैं कि एनपीएस में सुधार के लिए सरकार को किसने मांग पत्र सौंपा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
400 से ज्यादा यूनियनों की एनपीएस को खत्म करने की मांग
एआईडीईएफ, रेलवे, दूर संचार, डाक व बैंकिंग सेक्टर सहित 400 से अधिक कर्मचारी यूनियनों ने एनपीएस को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए वित्त मंत्री व डीओपीटी मंत्री को अभ्यावेदन दिया है। एनपीएस समाप्त करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के हस्ताक्षर, भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए गए थे। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों के किसी भी संगठन ने कभी भी एनपीएस में सुधार की मांग नहीं की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध
रेलवे और रक्षा सहित केंद्र सरकार के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन की तीव्रता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 20 मार्च को यह चेतावनी जारी की है कि यदि वे एनपीएस के खिलाफ किसी भी आंदोलन में भाग लेते हैं तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार द्वारा, कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एनपीएस में मिल रही 4000 रुपये पेंशन
कर्मचारियों का कहना है कि एनपीएस में किसी भी तरह का सुधार, कर्मचारियों के लिए मददगार नहीं होने वाला है। वजह, अब यह बात बिना किसी संदेह के साबित हो चुकी है कि एनपीएस में सरकार के 14 फीसदी के योगदान के बाद भी एनपीएस से मिलने वाली पेंशन 4000 रुपये से अधिक नहीं है। जो कर्मचारी, एनपीएस से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें लगभग इतनी ही पेंशन मिल रही है। इससे पहले भी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने पेंशन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की थी। तब भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने एनपीएस को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की थी।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।