नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने लिखा सीएम धामी को पत्र, किसानों की समस्या गिनाई, की गई ये मांग
1 min readउत्तराखंड में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा। उन्होंने किसानों के लिए समुचिति मुआवजे की मांग की। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण पहाड़ से लेकर तराई और भावर तक तेज आंधी के साथ बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। किसानों-बागवानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। खड़ीफसलों पर भारी बारिश एवं ओलावृष्टि ने कहर ढहा दिया और खेतों में तैयार फसल उजड़ गई। फल व साग-सब्जी तहस-नहस हो चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि एक कृषक पूरे वर्ष पर्यन्त चिंता और असुरक्षा के भाव में जीता है। कभी बारिश में तो कभी बारिश के अभाव में उसके आँखों के सामने नष्ट होती फसल के साथ उसके सपने चकनाचुर होने लगते हैं। कभी पालें से तो कभी अतिवृष्टि से किसान तबाह हो रहा है। किसान चैन की नींद उसी दिन लेता है, जब वो अपनी फ़सल को निकालकर घर में लें आता है। अपना दुःख दर्द हर बार किसी को नहीं बताता। बस अपना मन समझाने में लग जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज सत्य ये है की आपदा में टूटी सिंचाई नहरें भी अब तक दुरुस्त नहीं हो सकीं। डीजल, पेट्रोल, कीटनाशक, खाद, बीज सब महंगा हो गया है। एक तरफ भारी बारिश की मार तो दूसरी ओर बाजारों में उपज का सही दाम नहीं मिल पाने से किसानों को पहले ही आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी लगातार किसान मौसम की मार झेलते आ रहे हैं। कई सीजन से सरकार ने उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आलू उत्पादक किसानों को बीमा कम्पनीयां लगातार बीमा के नाम पर लूट रही है । किसानों के विगत वर्षों की बीमा राशि का ही भुगतान अभी तक नही हुआ है। फसल बीमा योजना के नाम पर कंपनियां हजारों करोड़ का मुनाफा कमा रही हैं। मौसम के साथ किसानों को सरकार अनदेखी की मार भी झेलनी पड़ रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि किसान पहले से ही बुरी तरह त्रस्त है, अब ऊपर से प्राकृतिक मार किसान की आर्थिक स्थिति को और बिगाड़ देगी। इसका सीधा असर उसके परिवार के पालन पोषण पर पड़ेगा और परिवारों को अनिश्चित भविष्य की गंभीर वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा। यह राज्य सरकार के लिए करुणा और सहानुभूति के साथ आगे बढ़ने का समय है। ऐसे में किसानों को जल्द मदद के लिए सरकार को आगे आना चाहिए।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।