कर्मचारियों से पूछे बगैर ऊर्जा निगमों के कर्मियों का एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में जमा करने के आदेश, संगठनों ने किया विरोध
उत्तराखंड में ऊर्जा के तीनों निगमों के कर्मियों से पूछे बगैर ही उनका एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का आदेश किया गया है। इसे लेकर कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त है। साथ ही कर्मचारियों ने उनकी सहमति के बगैर वेतन काटने को नियम विरुद्ध बताया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हाईड्रो इलैक्ट्रिक इंपलाइज यूनियन के महामंत्री प्रमोद कुमार, पावर लेखा एसोसिएशन के महामंत्री दिनेश चंद ध्यानी, उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष विजय बिष्ट की ओर से यूजेवीएन लिमिटेड के प्रंबंध निदेशक, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक, पिटकुल के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखे गए हैं। इसमें कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटने के निर्णय पर रोष जताया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ में जमीनों पर दरार आई। साथ ही जमीन से भी पानी के स्रोत फूटने लगे। दरारों के कारण मकान टूटने लगे। ऐसे में कई लोगों को विस्थापित करना पड़ रहा है। जोशीमठ में भूधंसाव के रूप में आई आपदा से निपटने के लिए सीएम, बीजेपी विधायकों ने अपनी एक माह की सेलरी देने की घोषणा की है। वहीं, अब सरकारी विभागों में भी कर्मचारियों पर एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस संबंध में ऊर्जा निगमों में आदेश जारी किए गए हैं। इसमें जनवरी 2023 माह के वेतन से एक दिन का वेतन काटने की बात कही गई है। इसे लेकर कार्मिकों में रोष है और वे उनकी सहमति के बगैर वेतन कटौती को नियम विरुद्ध बता रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।