विशेषज्ञों के रिपोर्ट आने तक जोशीमठ के पूर्वानुमान गैरजरूरी, छवि को नुकसान: महेंद्र भट्ट

भट्ट ने कहा कि जब से जोशीमठ में भूधसांव की आपदा सामने आयी है, तब से पीएम मोदी की निगरानी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रशासनिक तंत्र दो मोर्चों पर युद्घ स्तर पर जुटा है। सबसे पहले प्राथमिकता से प्रभावित परिवारों को राहत व मदद पहुंचाने के लिए दैनिक जरूरतों व अग्रिम 1.5 लाख की मदद की व्यवस्था की गयी व बाज़ार मूल्यों पर मुजवाज़े का ऐलान भी सरकार ने किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, दूसरे और अहम मोर्चे पर देश की शीर्ष विशेषज्ञ एजेंसियां का समूह जैसे सीबीआरआई रुड़की, जीएसआई कोलकाता, एनआरएसी-इसरो हैदराबाद, सीजीडब्ल्यूबी नई दिल्ली, सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया, एसओआई, देहरादून, आईआईआरएस, देहरादून, एनजीआरआई हैदराबाद, एनआईएच, रुड़की, डब्ल्यूआईएचजी, देहरादून, आईआईटी रुड़की, ईडी, एनआईडीएम, नई दिल्ली लगातार प्रभावित क्षेत्रों में गहन सर्वेक्षण कर रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भट्ट ने अफसोस जताते हुए कहा कि वर्तमान में शहर का लगभग एक चौथाई हिस्सा भूधसांव से प्रभावित है और छवि यह बनाई जारही कि जोशीमठ का अस्तित्व समाप्त होने जा रहा है। सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर अनुमान आधारित नकारात्मक जानकारियों को चर्चा में लाना प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस तरह की जानकारी साझा करने से न सिर्फ प्रभावित लोगों, बल्कि देश भर के नागरिकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। इसके दूरगामी परिणाम देवभूमि की छवि पर पड़ सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भट्ट ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि जैसे ही सभी एजेंसियों की सयुंक्त रिपोर्ट का अंतिम निष्कर्ष सामने आएगा। सरकार बिना समय गंवाएं, स्थायी समाधान के काम मे जुट जाएगी। लिहाजा सभी लोगों से विशेषकर राजनैतिक पार्टियों से आग्रह है कि प्रभावितों की मदद को आगे आएं, लेकिन अपनी प्रतिक्रियाओं में भय दिखाकर, पहाड़ों में भ्रमण को लेकर आम लोगों में खौफ न फैलाएं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।