जोशीमठ आपदा के लिए उत्तराखंड को 1000 करोड़ रुपये का पैकेज दें पीएम, धीरेंद्र प्रताप बोले-जब गुजरात में कुछ होता तो…

धीरेंद्र प्रताप ने केंद्र द्वारा राज्य के नागरिकों को सहायता दिए जाने के मामले में प्रधानमंत्री से उदारता पूर्वक सहायता की अपील की। साथ ही इस बात पर नाराजगी जताई कि जब गुजरात के अंदर बस दुर्घटना हुई, तो वहां के नागरिकों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 400000 मृतकों को दिए गए, वहीं, उत्तराखंड में जब सिमरी में पौड़ी जनपद में बस दुर्घटना हुई तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने 200000 रुपये देना मुनासिब समझा। इस तरह से पीएम मोदी दोहरा मापदंड अपनाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा भारत के सब नागरिक एक हैं, तो सब के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने इस बीच राज्य सरकार पर जोशीमठ के मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से कहा है कि वह कम से कम अपने दो काबीना मंत्रियों की ड्यूटी वहां लगाएं। केवल अधिकारियों के भरोसे ना रहें। साथ ही सभी प्रभावितों के मकान व प्रतिष्ठान तोड़ने से पहले उन्हें समुचित जमीन और भवनों का मुआवजा दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 से ज्यादा परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।