महिला को हुआ पेट दर्द, बारिश और बर्फबारी में ग्रामीणों ने की 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा
उत्तराखंड में सब कुछ अच्छा है। ऐसा कहने में अभी वक्त लगेगा। क्योंकि जो हालात और तस्वीरें सामने आती हैं, उसे देखकर तो ऐसा नहीं लगता कि यहां कुछ अच्छा है। बस एक महिला को पेट दर्द हुआ और ग्रामीणों को चलना पड़ गया 16 किलोमीटर पैदल। वो भी उस दिन जब आसमान बरस रहा था, कहीं कहीं बर्फबारी भी हो रही थी। रास्ते में पड़ने वाला नाला उफान पर था। कुर्सी को दो डंडों में बांधकर महिला को उसमें बैठाया गया। उसे कंधे पर उठाकर ग्रामीणों ने गांव से सड़क तक की 16 किलोमीटर की दूरी नापी। इस काम में 15 से अधिक ग्रामीणों ने सहयोग किया। ताकी कुछ कुछ दूरी पर महिला को उठाने के लिए कंधों को बदला जा सके।
बात हो रही है चमोली गढ़वाल के जोशीमठ विकासखंड के डुमक गांव की। गांव में सड़क नहीं है। लोग मोटर मार्ग तक पैदल यात्रा करते हैं। गांव से करीब 16 किलोमीटर दशोली क्षेत्र के स्यूण बेमरू तक पैदल जाकर सड़क के दर्शन होते हैं। इस गांव में आज विनीता देवी नाम की महिला की तबीयत खराब हो गई। उसे पेट दर्द की शिकायत हुई तो ग्रामीणों ने डंडों में कुर्सी को बांधकर उसपर विनीता को बैठाया।
फिर पगडंडी वाले रास्ते से उसे सड़क तक पहुंचाया। इस दौरान रास्ते में बारिश, बर्फबारी जैसी दुश्वारियों को भी ग्रामीणों ने पार किया। रुद्रा नाला भी उफान पर था। इसे भी जान जोखिम में डालकर ग्रामीणों ने पार किया। फिर जाकर सड़क तक पहुंचे। बेमरू से फिर सात किलोमीटर की दूरी वाहन से तय की गई और पीपलकोटी स्थित धर्मार्थ स्वामी विवेकानंद अस्पताल में ले जाकर उसे भर्ती कराया। इस कार्य में करीब 15 ग्रामीणों ने सहयोग किया।
चमोली गढ़वाल से नवीन कठैत की रिपोर्ट।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।