आरबीआइ ने बढ़ाई रेपो दर, अब लोन भी हो जाएंगे महंगे
दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति का नीतिगत दर के मामले में उदार रुख वापस लेने का रुख बरकरार रखा गया है। उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारत एक उम्मीद की किरण के रूप में दुनिया के सामने उदाहरण है। आरबीआई गवर्नर का कहना है कि रेपो दर में 0.35 प्रतिशत वृद्धि का निर्णय बाजार उम्मीदों के अनुरूप ही किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि रिजर्व बैंक ने इस वर्ष मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है। हालांकि, इसके बावजूद मुद्रास्फीति जनवरी से ही छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई मौद्रिक नीति तय करते वक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर प्रमुख रूप से गौर करता है। गौरतलब है कि भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल यानी एसोचैम (ASSOCHAM) ने हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में बढ़ोतरी को कम रखने का आग्रह किया था। इसे आरबीआई ने घोषणा का साथ ही किनारे कर दिया है। उद्योग मंडल का कहना था कि ब्याज दरों में अधिक वृद्धि होने पर इसका आर्थिक सुधार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।