इस मांग को लेकर तीन बार शासनादेश जारी, अब तो इसका पालन करा लो सरकार, राज्यकर्मियों ने लगाई गुहार

इस मांग के संबंध में सचिव शैलेश बगौली की तरफ से शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि इस शासनादेश में तिथि पहले दो अक्टूबर लिखी थी, फिर इसे पैन से काटकर अक्टूबर का नवंबर लिखा गया, वहीं, राज्यकर्मियों की मुख्यमंत्री से वार्ता पांच नवंबर को हुई थी। वहीं, पता चलता है कि इसी तरह का शासनादेश 13 दिसंबर 2018 को भी जारी किया गया था। इसके बाद 20 जनवरी 2021 को भी ऐसा ही शासनादेश जारी किया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति के प्रवक्ताअरुण पांडे ने कहा कि समन्वय समिति के साथ 20 सूत्रीय मांगपत्र पर पांच नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मांग संख्या 19 में शासन से मांग की गई थी कि समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते को निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासनादेश बैठक से पहले ही जारी हो चुका था। इसके तहत कार्मिक विभाग के सचिवों, जिलाधिकारियों, विभागाध्यक्षों को विभागान्तर्गत गठित शिकायत निवारण समिति की बैठक बुलाने को कहा गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति इस शासनादेश के अनुरूप मांगों को लेकर आगे बढ़ने का सरकार के आग्रह कर रहा है। उक्त शासनादेश में सचिव कार्मिक की ओर से विभागाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों को शिकायत निवारण समिति को प्रत्येक माह एवं सचिव स्तर पर प्रत्येक तीन माह में बैठक का आयोजन किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। पाण्डे ने आशा जताई कि समस्त जिलाधिकारियों, विभागाध्यक्षों एवं सचिवों की ओर से उक्त निर्देशों का पालन कर संघों परिसंघों के साथ दिए गए समयान्तर्गत बैठक का आयोजन किया जाएगा। ताकि मांगों पर पूर्व में सहमति हो चुकी है, उन समझौतों, निर्णयों का शासनादेश भी यथाशीघ्र जारी किया जाएगा।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।