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December 23, 2024

डॉ. स्वामी राम का 27वां महासमाधि दिवसः महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र को स्वामी राम मानवता पुरस्कार, 31 कर्मचारी भी सम्मानित

देहरादून के डोईवाला में हिमालयन अस्पताल ऑफ मेडिकल ट्रस्ट में एचआइएचटी संस्थापक डॉ. स्वामी राम जी का 27वां महासमाधि दिवस समारोह भव्यता के साथ मनाया गया। इस दौरान सामाजिक कार्यों को समर्पित संस्था ‘महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र, लेह लद्दाख’ को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2022 प्रदान किया गया। इसके साथ ही संस्थान के 31 कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। समारोह में आयोजित भंडारे में करीब छह हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। मुख्य अतिथि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा कि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट में अध्यात्म, स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा का गढ़ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रविवार को एचआइएचटी संस्थापक डॉ. स्वामीराम के 27वें महासमाधि दिवस पर आयोजित समारोह में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि ‘प्रेम, सेवा व स्मरण’ की मूल भावना के उद्देश्य से डॉ. स्वामी राम ने 1989 में हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) की स्थापना की। एचआइएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने एचआईएचटी के गौरवमयी इतिहास पर प्रकाश डाला साथ ही भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। डॉ.धस्माना ने कहा कि ट्रस्ट स्वामी जी के उद्देश्य के अनुसार ही जन सेवा के पथ पर अग्रसर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस दौरान एचआईएचटी के वार्षिक कैलेंडर-2023 का विमोचन भी किया गया। समारोह के आखिर में प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके बाद दोपहर में आयोजित भंडारे में करीब छह हजार लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पहले स्वामी राम सेंटर में ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन डॉ. स्वामीराम को श्रद्धांजलि दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान स्वामी राम साधक ग्राम के प्रमुख स्वामी ऋतुवान भारती, कुलाधिपति डॉ.मोहन स्वामी, विक्रम सिंह, डॉ.प्रकाश केशवया, डॉ.रेनू धस्माना, कुलसचिव डॉ.सुशीला शर्मा, डॉ.एसएल जेठानी, डॉ.अशोक देवराड़ी, डॉ.राजेंद्र डोभाल, डॉ.मुश्ताक अहमद आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ज्योति द्विवेदी ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एसआरएचयू बेस्ट इंप्लवाई अवॉर्ड-2022
बेस्ट टीचर अवॉर्ड- डॉ.नादिया शिराज़ी (एचआईएमएस), डॉ.कंचन बाला (एचसीएन)।
बेस्ट रिसर्चर अवॉर्ड- डॉ.सुनील कुमार सैनी (एचआईएमएस)।
बेस्ट क्लीनिशियन अवॉर्ड- डॉ.अनिल रावत (बाल रोग विभाग, हिमालयन हॉस्पिटल)।
बेस्ट नर्सिंग अवॉर्ड- विनोद जुयाल, विकास टोंगरा, उमा प्रसाद, एमपी उनियाल, विजय लक्ष्मी, तृष्णा पॉल।
बेस्ट पैरामेडिकल अवॉर्ड- संजय थपिलयाल, अनिता महर, पंकज घिल्डियाल, पवन कुमार नवानी, सुशील किशोर।
बेस्ट ऑफिस स्टाफ अवॉर्ड- पूजा रावत, दुर्गा प्रसाद उनियाल, एसएल भट्ट, विशाल चुग, सुभाष कुमार तोमर, पितांबर दत्त, रजनी शर्मा, नेहा बडोला, वैभव बडोनी।
बेस्ट सपोर्टिंग स्टाफ अवॉर्ड– कैलाश चंद्र बमराड़ा, रोहित खड़का, भगत सिंह राणा, प्रेरणा जोशी, मस्त राम उनियाल, दिनेश नेगी, दिनेश सिंह रावत। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

‘महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र, लेह लद्दाख’ को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2022
वर्ष 2003 से हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआइएचटी) देशभर में आर्थिक, पर्यावरण, विज्ञान संबंधी, सामाजिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली किसी एक प्रतिष्ठित संस्था अथवा व्यक्ति को स्वामी राम मानवता पुरस्कार प्रदान कर रहा है। एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व एसआरएचयू जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि इस वर्ष स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2022 सामाजिक व अध्यात्मिक कार्यों को समर्पित संस्था ‘महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र, लेह लद्दाख’ संस्था को प्रदान किया गया है। पुरस्कार के तौर पर उन्हें पांच लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र और गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

1986 में महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र की स्थापना भिक्खु संघसेना की ओर से की गई। भिक्खु संघसेना का जन्म लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में हुआ था। 17 साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए। 1977 में सेना छोड़ प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान व आचार्य बुद्धरखिता महाथेरा, महाबोधि सोसाइटी विहार, बैंगलोर के मठाधीश के समर्पित शिष्य बन गए। एमआईएमसी का देवाचन परिसर 250 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। एमआईएमसी वंचित बच्चों को सुरक्षित आश्रय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बीमार, वृद्जनों और जरूरतमंदों के लिए स्वास्थ्य देखभाल मुहैया करवाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके अलावा महिलाओं और अन्य सामाजिक रूप से वंचित समूहों के लिए साक्षरता और सशक्तिकरण कार्यक्रम चला रहा है। एमआईएमसी दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू और भारत के अन्य शहरों में उच्च अध्ययन करने वाले सैकड़ों छात्रों का भी मदद करता है। इन मानवीय गतिविधियों के अलावा, एमआईएमसी दुनिया भर में सत्य और शांति के हजारों साधकों को लाभान्वित करने वाले विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रम भी आयोजित करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

एमआईएमसी के आदर्शों के प्रति उनके समर्पण के सम्मान में, भिक्खू संघसेना को कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। जिसमें गांधी शांति फाउंडेशन से विश्व शांति पुरस्कार-2004, जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री से राजीव गांधी पुरस्कार-2006, अश्वगोशा बौद्ध फाउंडेशन ने शाक्यमुनि बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार-2009, राष्ट्रपति की ओर से राष्ट्रपति प्रशस्ति पुरस्कार, सेव द वर्ल्ड फाउंडेशन थाईलैंड की ओर से वर्ल्ड पीस एंबेसडर अवार्ड-2014, इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड-2020 और योग के विकास और संवर्धन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार-2021 से सम्मानित हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

समाज के लिए हमेशा प्रेरणा रहे डॉ. स्वामीराम
महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र के संस्थापक भिक्खु संघसेना ने कहा कि परम् श्रद्धेय गुरूदेव डॉ.स्वामी राम ने शिक्षा एंव स्वास्थ्य के माध्यम से समाज को जो दिशा दी वह बेमिसाल है। विज्ञान व अध्यात्म के बल पर सामाजिक सेवा का उच्च उदाहरण स्वामी जी ने दिया। वह हमेशा से समाज के लिए प्रेरणा रहे हैं और रहेंगे। उनके नाम से सम्मान पाना मेरे लिए लिए गर्व की बात है। समाज सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता और मजूबत होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

विश्व की धरोहर हैं डॉ. स्वामीराम
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामी राम जी विश्व की धरोहर हैं। स्वामी जी मानवता सेवा के वह संवाहक रहे। मझे पूरा विश्वास है कि स्वामी जी तपस्थली में निर्मित एसआरएचयू में छात्र-छात्राओं को मेडिकल, नर्सिंग, पैरामेडिकल, इंजीनियर व मैनेजमेंट की ही शिक्षा नहीं दी जाती बल्कि उन्हें संस्कारवान शिक्षा (वैल्यु बेस्ड एजुकेशन) भी दी जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. स्वामीराम की तपस्थली के रूप में है एचआइएचटी की पहचान
एसआरएचयू के कुलपति, डॉ. विजय धस्माना के मुताबिक, एचआइएचटी की पहचान गुरुदेव स्वामी राम जी की तपस्थली के रुप में है। स्वामी जी की विचारधारा ‘योग: कर्मसु कौशलम्’ के ध्येय के साथ सामाजिक उत्थान में एचआईएचटी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उनके विचारों को आत्मसात कर नव भारत के निर्माण को नया स्वरूप दिया जा सकता है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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