एवलांच की चपेट में आने से अब तक 19 की मौत, 10 पर्वतारोही अभी भी लापता, खोज और बचाव अभियान जारी
अक्टूबर को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का 42 सदस्यीय दल एडवांस कोर्स के लिए डोकराणी ग्लेशियर के 18600 फीट ऊंचाई वाले द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में गया था। दल में सबसे आगे चल रहे 34 सदस्य उस दिन हिमस्खलन की चपेट में आ गए। इनमें एवरेस्ट विजेता एवं प्रशिक्षक सविता कंसवाल समेत दो प्रशिक्षक और दो प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की मौत हो गई और चार प्रशिक्षकों व एक नर्सिंग स्टाफ घायल हो गए। दल के पांच प्रशिक्षक, एक नर्सिंग स्टाफ और दो प्रशिक्षु सुरक्षित बच गए थे। ये मुख्य दल से काफी पीछे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दल में शामिल अन्य 25 सदस्य ग्लेशियरों की बड़ी दरारों (क्रेवास) में फंस गए थे। इसके बाद से इनकी खोजबीन के लिए अभियान चल रहा है। बेसिक और एडवांस कोर्स के लिए निम का 175 सदस्यीय दल 23 सितंबर को बेस कैंप पहुंचा था। एडवांस कोर्स के लिए यहां से आगे बढ़े सदस्यों को छोड़कर अन्य बेस कैंप में ही रूके हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लापता पर्वतारोहियों की खोजबीन के लिए शुक्रवार को भी खोजबीन अभियान चलाया जाएगा। हालांकि अभी उत्तरकाशी में मौसम खराब बना हुआ है। इसलिए मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। यह खोज अभियान नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर हाई एल्टीटयूट वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग की 14 सदस्यीय टीम चला रही है। पांच घायलों का उत्तरकाशी में उपचार चल रहा है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।