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November 13, 2025

एवरेस्ट विजेता सविता के निधन से ग्राफिक एरा में शोक की लहर, इसी माह जाना था माऊंट एल्ब्रुस फतह करने

प्रसिद्ध पर्वतारोही सविता कंसवाल को काल के क्रूर हाथों ने हमेशा के लिए छीन लिया। करीब दो हफ्ते बाद सविता कंसवाल एक और बड़े अभियान पर रवाना होने से पहले ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी आने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही द्रौपदी का डांडा में मौत बनकर आया एवलांच ने सविता कंसवाल के साथ ही कई पर्वतारोहियो को लील गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तरकाशी निवासी सविता कंसवाल देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी की एमबीए की छात्रा थी। कुछ ही माह पहले सविता ने ऑनलाइन एमबीए कोर्स में दाखिला लिया था। सविता कंसवाल और निम से जुड़े पर्वतारोहियों के हिमस्खलन की चपेट में आकर आक्समिक निधन से ग्राफिक एरा में शोक छा गया है। आज शाम विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षकों और विभिन्न छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं ने शोक सभा करके सविता कंसवाल और दूसरे पर्वतारोहियों के निधन को देश की एक बड़ी क्षति बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुलपति डॉ संजय जसोला ने शोक सभा में बताया कि सविता कंसवाल ने एवरेस्ट पर विजय के बाद अफ्रीका के किलिमांजारो पर्वत शिखऱ पर ग्राफिक एरा का ध्वज फहराने की योजना बनाई थी, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से वह इस अभियान पर नहीं जा सकीं। इसके बाद उन्होंने माऊंट एल्ब्रुस के शिखर पर देश और ग्राफिक एरा का ध्वज फहराने की योजना बनाई थी। इस 5642 मीटर ऊंचे शिखर पर पर्वतारोहण का अभियान शुरू करने से पहले 22 अक्टूबर को सविता कंसवाल ग्राफिक एरा आने वाली थीं। इसी दिन ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला उन्हें ध्वज देकर रवाना करने वाले थे, लेकिन हिमस्खलन ने इससे पहले ही सविता को सबसे छीन लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने हिमस्खलन के कारण सविता कंसवाल और अन्य पर्वतारोहियों के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए गहन दुख जाहिर किया। डा. घनशाला ने कहा कि सविता ने कम उम्र में एवरेस्ट पर विजय पाकर उत्तराखंड और महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है। उनसे देश को बहुत उम्मीदें थीं। सविता युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा स्रोत थीं, उनके निधन से ग्राफिक एरा परिवार को बहुत आघात पहुंचा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे हुआ हादसा
उत्तरकाशी जिले में डोकराणी ग्लेशियर क्षेत्र में साढ़े 18600 फीट ऊंचाई पर स्थित द्रौपदी के डांडा में नेहरु पर्वतारोण संस्थान (निम) का 42 सदस्यीय प्रशिक्षण दल के मंगलवार चार अक्टूबर को एवलांच (हिमस्खलन) की चपेट में आने के बाद से 25 पर्वतारोही अभी भी लापता हैं। इस हादसे में पर्वतारोही सविता कंसवाल सहित चार लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। साथ ही अब तक 14 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। हादसा मंगलवार की सुबह हुआ था। एडवांस कैंप से एसडीआरएफ व नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम ने भी खोज बचाव टीम ने भी बुधवार तड़के अपना अभियान शुरू कर दिया है। बुधवार को हर्षिल आर्मी हेलीपैड से चीता हेलीकॉप्टर मे माध्‍यम से छह घायलों को लाया गया। इसमें एक प्रशिक्षक व पांच प्रशिक्षु घायलों को मातली उत्तरकाशी पहुंचाया गया है।
पढ़ेंः द्रौपदी डांडा में हुए एवलांच में लापता 25 लोगों की खोजबीन जारी, चार मृतकों में एवरेट विजेता सविता कंसवाल भी, देखें सविता की बायोग्राफी

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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