प्रथम बार उत्तर व पूर्वी पूजा पद्धति से होगा नवरात्रि एवं दुर्गा महोत्सव का भव्य आयोजन
उन्होंने बताया कि 25 तारीख की प्रातः 4:00 से महालय पर माँ शक्ति के महिषासुर मर्दानी स्वरुप का आवाहन किया जाएगा। विद्वान आचार्य अवधेश भगत की वाणी में यह पहला अवसर है, जब लक्ष्मण चौक को भव्य तरीके से विद्युत सजावट तथा तोरण द्वार से सजाया गया है। स्थानीय श्रद्धालुओं में भी काफी उत्सुकता देखने को में मिल रही है। इस कार्यक्रम की खासियत यह है की प्रथम बार उत्तर भारत एवम पूर्वी भारत की पूजा पद्धति का संयुक्त मिलान कर आयोजन किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्री अभय मठ महिला मंडल के संरक्षक विनय गोयल ने बताया कि श्री अभय मठ में मां कात्यायनी, मां भद्रकाली, एवं मां सरस्वती का स्वरूप को स्थापित किया गया है। यह हिंदुस्तान का तीसरा ऐसा मंदिर है, जिसमे यह स्थापित है। पहला झंडेवालान, दूसरा वैष्णो देवी में तीसरा श्री अभय मठ लक्ष्मण चौक में स्थापित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी क्रम में मीडिया प्रभारी गोपाल सिंघल ने बताया कि 26 सितंबर से सुबह दुर्गा पूजा की जायेगी। इसमे विभिन्न यजमान शामिल होंगे शाम को प्रतिदिन भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे देश के प्रसिद्ध भजन गायक अपनी आवाज से मां का गुणगान करेंगे। मां वैष्णो देवी के दरबार से मां के भक्त जयपाल जी भी अपनी मधुर वाणी से मैया की आराधना करने आ रहे हैं। एक अक्टूबर से 5 दिसंबर तक बंगाली पद्धति से पूजन किया जायेगा। इसमे षष्टी पूजा,सप्तमी अष्टमी नवमी तिथि का पूजन किया जायेगा। दशमी तिथि को सभी सुहागिन महिलाएं माता के साथ सिंदूर खेला करेंगी। उसमे पश्चात यह सभी कार्यक्रम समापन होंगे। प्रेस वार्ता में अध्यक्ष रीना मेंहदीरत्ता, शिखर कुच्छल उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।