उत्तराखंड भी चला यूपी की राह, मदरसों का होगा सर्वे, सीएम ने बताया क्यों जरूरी, कांग्रेस और बीजेपी ने दी ये प्रतिक्रिया

उत्तराखण्ड में मदरसों के कामकाज, गतिविधियों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं, इन शिकायतों को राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है, जिसके दृष्टिगत प्रदेश के सभी मदरसों का सर्वे किया जाएगा। pic.twitter.com/519sKt23ad
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 13, 2022
मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कई जगह मदरसों को लेकर तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं। इसे देखते हुए उत्तराखंड में भी मदरसों का सर्वे होना जरूरी है। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में ये बात कही। बता दें कि सोमवार को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने की बात कही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 103 मदरसे हैं, जबकि मदरसा बोर्ड के अधीन 419। इन सभी को सरकारी सहायता मिलती है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के मुताबिक ने कहा कि सर्वे की शुरुआत वक्फ बोर्ड के अधीन संचालित मदरसों से होगी। बजट का दुरुपयोग करने वाले मदरसों की मान्यता रद कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जबकि बेहतर कार्य करने वाले मदरसे प्रोत्साहित किए जाएंगे। सीएम ने कहा कि मदरसों को सरकारी बजट खपाने का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी नीयत साफ है। हम मदरसों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के पक्षधर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मदरसों के सर्वे में कुछ गलत नहीं : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मदरसों के सर्वे में कुछ गलत नहीं है, यदि सरकार वहां शिक्षा व्यवस्था को सुधारना चाहती है। सरकारी हो या निजी, शिक्षण संस्थाओं का सर्वे चलता रहता है। माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। मीडिया से बातचीत में करन माहरा ने कहा की भू-कानून पर कांग्रेस भी अपने सुझाव सरकार को देगी। इसके लिए पार्टी ने एक कमेटी बनाई है। सरकार से जल्दबाजी में भू-कानून में बदलाव से बचने को कहा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मदरसों का सर्वे धामी सरकार की एक बेहतर पहल: चौहान
उत्तराखंड भाजपा ने प्रदेश मे मदरसों का सर्वे कराये जाने की सरकार की योजना को शिक्षा के क्षेत्र मे एक बेहतर पहल बताया। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि मदरसें तालीम का केन्द्र रहे तो यह बेहतर है, लेकिन यह पड़ताल जरूरी है की क्या सभी मदरसें शिक्षा के मिशन मे पूरी कर्तव्यनिष्ठा से लगे है या नही। उनकी शैक्षिक, सामजिक गतिविधियां क्या है और वह देश के भावी कर्णधारों को क्या परोस रहे है इस ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि मुसलिम समुदाय की ओर से भी जागरुक नागरिक आवाज उठा रहे है और इस बात के पक्षधर है की मदरसो मे भी गुणवत्तापरक शिक्षा और अनुशासन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई बार असमाजिक या राह भटक रहे युवको के बारे मे यह सोच उभरकर आती रही है कि वहां पर धार्मिक कट्टरपंथी के वातावरण को बढ़ावा दिया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आज के व्यवसायिक दौर मे नये परिवेश मे ढलना ही होगा। इसके अलावा बेहतर कार्य कर रहे पंजीकृत संस्थान के साथ ऐसे भी भीड़ को बढ़ा रहे है जो कि न शिक्षा का हिस्सा है न उनका कोई सामाजिक योगदान। महज अनुदान लेने और अन्य गतिविधियों मे लिप्त संस्थानों पर इससे रोक लग सकेगी। चौहान ने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और शिक्षा के नाम पर गैर शैक्षिक और समाज विरोधी तथा देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी वर्गों को एक साथ लेकर चल रहे है शिक्षा के क्षेत्र मे सुधारों को लेकर अहम निर्णय ले रहे है। सरकार की यह पहल शिक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र मे अहम बदलाव लाएगी।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।