पत्रकार दिनेश कुकरेती की उत्तराखंड के हालात बयां करती ग़ज़ल- आ घोटालों की जांच करें

दो और दो को पांच करें
जब तक हल्ला थमा नहीं
यूं ही धुंआ और आंच करें
मंशा उनकी कभी न थी
मिलके झूठ को सांच करें
वो दूध से मक्खन चुरा गए
हम दही बिलोकर छाछ करें।
तन पर से कपडे़ उतर गए,
चल हम भी नंगा नाच करें।
कवि का परिचय
दिनेश कुकरेती उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार हैं। वह प्रिंट मीडिया दैनिक जागरण से जुड़े हैं। वर्तमान में देहरादून में निवासरत हैं। साथ ही उत्तरांचल प्रेस क्लब में पदाधिकारी भी हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।