पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नैतिकता के आधार पर दें मंत्री पद से इस्तीफाः यूकेडी
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उन्होंने कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से कामकाज के सुचारु संचालन के लिए नियुक्ति करने की बात की जा रही है, जो कि बहुत है तथा जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है। पांच वर्ष के अंतिम माह एवं विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने के ठीक पहले ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि भर्ती की जानी आवश्यक हो गयी। वास्तविकता यह है कि उनकी ओर से अपने चहेतों को नौकरी प्रदान की जानी थी। उनका नियमानुसार भर्ती करने की बात कहना पूरी तरह से गलत है। बिना चयन प्रक्रिया अपनाये तथा उत्तराखंड सरकार के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर अवैध नियुक्तियां की गई हैं, जो पूर्णतया उत्तराखंड की जनता को धोखा देना है। इसलिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को अपने वर्तमान वित्त मंत्री पद से नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी ने कहा कि जहां एक ओर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गलत दलील देकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री द्वारा भी गलत बयानबाजी की जा रही है। उनके द्वारा कहा गया कि विधानसभा स्तर पर ही इन अवैध नियुक्तियों को देखा जायेगा। वहीं, उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में वित्त विभाग एवं उत्तराखंड सरकार की ओर से ही इन कर्मियों के वेतन की संस्तुति की गई है। साथ ही सदन के नेता के तौर पर भी उनकी पूरी जिम्मेदारी है कि इस प्रकार की अनियमितता सर्वोच्च संस्था में ना हो। फिर भी अवैध नियुक्तियां की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति विधानसभा के लिए क्यों नहीं अपनाई जा रही है। सरकार का कहना है कि विधानसभा में इस प्रकार की नियुक्ति का कोई लेना देना नहीं है, जो पूर्णतया गैर जिम्मेदाराना एवं निन्दनीय बयान है। इसलिए विधानसभा में अवैध रूप से नियुक्त किये गए 72 कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाना चाहिए। साथ ही इस प्रकरण में पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही विधानसभा सचिव के विरुद्ध भी आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए। बौड़ाई ने जोर देकर कहा कि इस प्रकरण पर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष को जल्द जल्द निर्णय लेना चाहिए अन्यथा उक्रांद इस प्रकरण को सीधे जनता की अदालत में ले जाएगा। तथा अबकी बार उत्तराखंड की सर्वोच्च संस्था को दुरस्त करने के लिये आंदोलन किया जाएगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।