पूर्व सीएम हरीश रावत ने महिलाओं से बंधवाई राखी,राष्ट्रीय ध्वज व कांग्रेस ध्वज को बांधी रखी, सम्मान की रक्षा का लिया संकल्प

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, लोकमान्य गंगाधर तिलक जैसे महान नेताओं व आज़ादी के दीवाने लाखों लोगों के बलिदान से देश को आज़ादी प्राप्त हुई है। जिनका कोई योगदान आज़ादी के संघर्ष में नही था। जो देश स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के साथ थे। सेनानियों के विरुद्ध साज़िश रचते थे। जिन्होंने 52 वर्ष तिरंगे को हाथ में नही पकड़ा। अब वो हमें राष्ट्रीय ध्वज का महत्व समझा रहे हैं। देश के हर घर व हर दिल में तिरंगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हरीश रावत ने अपनी सरकार में महिलाओं के लिए चलाई गई कई योजनाओं की भी याद दिलाते हुए कहा कि गौरा देवी, कन्या, विधवा, वृद्धा सहित दर्जनों योजनाएं उन्होंने चालू की थी, जिन्हें भाजापा सरकार ने बंद किया है। हम उनको पुन चालू कराने के लिए दबाव बनाएंगे। उन्होंने इंद्रा अम्मा भोजन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके माध्यम से भी माता बहनों को रोज़गार मिला था, जिसे इस सरकार ने बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति के सम्मान के लिए हर सम्भव कार्य किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर मथुरा दत्त जोशी, सुधा शुक्ला, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, गरिमा दसोनी, ओम प्रकाश बब्बन, दिनेश चौहान, महेंद्र नेगी गुरु जी, विरेंद्र पोखरियाल, गुल मौहमद , उर्मिला थपलियाल, शिवानी थपलियाल, प्रणिता डोभाल, अनुराधा तिवारी, साधना तिवारी, चंद्रकला नेगी, मधु थापा, रेखा ढींगरा, आशा, पूनम, सुनैना, बबली, सरिता, बबिता, मेघा, राजकुमारी देवी, लीला देवी, सावित्री, निक्की, सुनीता, प्रमिला, निर्मला, सविता, शक्तिमान देवी, विमला, दीपांशी, मुस्कान, मुन्नी, पूजा, प्रीति, लाता रावत, जयंती, कमला, पूर्णिमा सहित सैकड़ों महिलाओ ने शिरकत की।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।