ग्रेड पे की मांग को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करने पर उत्तराखंड में चार पुलिसकर्मी निलंबित
पुलिसकर्मियों की ओर से 4600 ग्रेड पे की मांग करना भारी पड़ गया। पुलिस कर्मी अपनी मांग के समर्थन को लेकर अभियान चला रहे हैं। वहीं, उनके परिजनों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। अब पुलिस विभाग ने इस मामले में चार पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें एसडीआरएफ यमुनोत्री में तैनात कुलदीप भंडारी, पुलिस लाइन चमोली में तैनात दिनेश, पुलिस मुख्यालय में तैनात हरिंदर रावत और लक्खीबाग पुलिस चौकी में तैनात मनोज बिष्ट शामिल हैं। इन पुलिसकर्मियों के परिजनों पर रविवार को उज्ज्वल रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता करने का आरोप है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)पुलिस विभाग के निर्णय का पुलिसकर्मियों के स्वजन ने विरोध किया है। विभाग की ओर से निलंबन का आदेश जारी होने के बाद सोमवार शाम को पुलिसकर्मियों के स्वजन शकुंतला रावत, आशी भंडारी और उर्मिला चंद पुलिस मुख्यालय पहुंचीं और पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस पर मंच से वर्ष 2001 बैच के पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी। चुनाव होने के बाद इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। पुलिसकर्मियों के परिजनों का कहना है कि सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। सीएम की घोषणा के उलट सरकार ने दो लाख रुपये का शासनादेश जारी कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस मुख्यालय से इस संबंध में बयान जारी किया है कि पुलिसकर्मियों के परिजनों की ओर से 4600 ग्रेड पे के संबंध में प्रेसवार्ता की गई है। वह सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली की धारा 5 (2) एवम 24 (क) का उल्लंघन है। इस क्रम में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। पुलिस महानिदेशक की ओर से पुलिसकर्मियों के स्वजन को भी समझाया गया है कि जो भी पुलिसकर्मी अनुशासनहीनता करेगा या उसके स्वजन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।






