महंगाई के खिलाफ जनवादी महिला समिति ने सरकार का पुतला जलाया, भोजन माताओं ने निकाली रैली

सभा में वक्ताओं ने केन्द्र एवं राज्य सरकार को महंगाई के लिऐ सीधेतौर पर जिम्मेदार ठहराया। कहा कि मोदी सरकार ने आटा, चावल, दाल, दूध आदि पर जीएसटी लगाकर हद कर दी है। हिन्दूत्व की अलमबदार सरकार कितनी कक्रूर हो सकती है। वक्ताओं ने सरकार से मंहगाई, गैस, पैट्रोल, डीजल, परिवहन किराया वृद्धि वापस लेने तथा बेरोजगार, महिलाओं एवं कमजोर वर्ग के उत्पीड़न रोकने को कहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा है कि राज्य की मन्त्री रेखा आर्य की महिलाओं की चिन्ता करने के बजाय कांवड़ मे शामिल होने की घोषणा हास्यास्पद है। इस अवसर पर कमजोर बस्तियों को तोड़ने तथा सत्यापन के नाम पर मजदूरों का उत्पीड़न रोकने की जोरदार मांग की गई। वक्ताओं ने कहा है कि इन्ही मुद्दों को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन करने वालों में इस अवसर जनवादी महिला समिति की प्रान्तीय उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, महामंत्री दमयन्ती नेगी, जिलाध्यक्ष नुरैशा, उपाध्यक्ष बिन्दा मिश्रा, सरोज देवी, शान्ता उनियाल, सुरैशी, पूनम आर्य, शबनम, डाली, पुष्पा, सुनिता, शोभा, ममता, कुसुमा, छोटी, सीमा, सरोजिनी, मीना देवी राठौड़, रिंकी, कौशल्या, राजेश्वरी, सुमित्रा, मन्जू , मेनका, विमला, सतेश्वरी, रामप्यारी, चन्दा, शान्ता आदि बड़ी संख्या मे महिलाएं शामिल थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भोजनमाताओं ने शिक्षाधिकारी कार्यालय के समक्ष किया प्रदर्शन
सीटू से सम्बद्ध उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन्स ने देहरादून में खुड़बुड़ा स्थित रामप्यारी गर्ल्स इंटर कालेज में निकाली गयी तीन भोजन माताओं को वापस कार्य पर रखने की मांग को लेकर सीटू कार्यालय से परेड मैदान स्थित नगर शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक रैली निकाल कर प्रदर्शन किया। इस मौके पर नगर शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि तीनों भोजन माताओं को नियम विरुद्ध निकाला गया है। उन्होंने बताया कि भोजन माताओं को बिना नोटिस दिए ही निकाल दिया गया है। जो कि नियम विरुद्ध है। भोजन माताओं को निकालने का अधिकार उप शिक्षा अधिकारी को ही है। विद्यालय की प्रधानाचार्य को भी नहीं है। उन्होंने मांग की कि निकाली गयी भोजन माताओं को वापस कार्य पर बहाल किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय महामन्त्री मोनिका ने कहा कि यदि भोजन माताओं को वापस कार्य पर नही रखा जाता है तो वे पूरे जनपद में कार्य बहिष्कार कर आंदोलन करेंगी। उन्होंने कहा कि एक तो भोजन माताओं से अन्य कार्य कराए जाते हैं और मानदेय भी बहुत ही कम है। इस पर भी भोजन माताओं से अमानविय व्यवहार किया जाता है। उनका शोषण किया जाता है, जिसका विरोध किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस पर नगर शिक्षा अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि वे शीघ्र ही जांच कर उचित कार्यवाही करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि नियम विरुद्ध निकाला गया तो वापस कार्य पर बहाल की जाएगी। इस अवसर पर सीटू के जिला उपाध्यक्ष भगवंत पयाल, सुनीता, बबिता, अनिता वर्मा, भुवनेश्वरी देवी, राजदुलारी, भवना देवी, निर्मला देवी, सुनीता देवी, सुमन राय, शुशीला, गंगा देवी, आरती, गोविंदी, गजना देवी, चारु देवी आदि उपस्थित थीं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।