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September 25, 2024

उत्तराखंड के जाने माने समाजसेवी पदश्री अवधेश कौशल का निधन, सीएम धामी ने जताया दुख

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उत्तराखंड के जाने माने समाजसेवी एवं पद्मश्री से सम्मानित अवधेश कौशल का मंगलवार तड़के देहरादून के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।

उत्तराखंड के जाने माने समाजसेवी एवं पद्मश्री से सम्मानित अवधेश कौशल का मंगलवार तड़के देहरादून के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। कौशल की पुत्रवधु रूचि कौशल ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार थे। सोमवार से उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, उन्होंने मंगलवार 12 जुलाई की तड़के पांच बजे अंतिम सांस ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवधेश कौशल के निधन पर दुख व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाली कि- सामाजिक हितों को लेकर सदैव संघर्षशील रहे प्रसिद्ध समाजसेवी पद्मश्री से अलंकृत श्री अवधेश कौशल जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

गैर सरकारी संगठन ‘रूरल लिटिगेशन एंड एनलाइटनमेंट केंद्र’ (रूलक) के संस्थापक कौशल ने मानवाधिकारों और पर्यावरण के लिए जीवन भर काम किया। कौशल को अस्सी के दशक में मसूरी में खनन पर रोक लगवाने का श्रेय जाता है। इससे वहां पर्यावरण को हो रही क्षति पर लगाम लगी। उन्हें घुमंतू जनजाति गुज्जरों का मसीहा भी माना जाता है जिन्होंने उनके अधिकारों के लिए एक लंबी प्रशासनिक और कानूनी लड़ाई लड़ी। गुज्जरों के लिए संघर्ष करते हुए उन्हें 2015 में जेल भी जाना पड़ा। साथ ही गुज्जरों की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए उन्होंने कई तहर के अभियान चलाए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले कौशल कुछ वर्ष पूर्व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास सहित दी जाने वाली अन्य सुविधाओं पर होने वाले व्यय की वसूली के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय तक गए थे। यही, नहीं उनकी संस्था रुलक के कार्यक्रमों में श्रीलंका के कई पूर्व राष्ट्रपति से लेकर विदेशों की अन्य हस्तियां भी शिरकत कर चुकी हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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