पीआरडी जवानों के मसले पर मुख्य सचिव से मिले कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना, मिला तुरंत कार्यवाही का भरोसा
उत्तराखंड में एसडीआरएफ के माध्यम से पिछले दो वर्षों से कार्यरत 62 पीआरडी जवानों के वेतन व ड्यूटी का मामला आज प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू के पास पहुंच गया।
उत्तराखंड में एसडीआरएफ के माध्यम से पिछले दो वर्षों से कार्यरत 62 पीआरडी जवानों के वेतन व ड्यूटी का मामला आज प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू के पास पहुंच गया। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना आज पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ सचिवालय स्थित मुख्य सचिव के कार्यालय पहुंचे।उनको पीआरडी के जवानों की व्यथा बताते हुए तत्काल कार्यवाही की मांग की।धस्माना ने मुख्य सचिव से कहा कि युवा कल्याण विभाग के अधीन पीआरडी के माध्यम से विभिन्न विभागों में जवानों की तैनाती की जाती है। वर्ष 2020 में कोविड ड्यूटी में 62 जवानों की तैनाती पीआरडी के माध्यम से एसडीआरएफ में की गयी थी। यह 62 जवान तब से निरंतर एसडीआरएफ में अपना योगदान दे रहे थे। इनको एसडीआरएफ के माध्यम से ही वेतन भुगतान हो रहा था। अप्रैल 2022 से इन 62 जवानों को वेतन भुगतान नहीं हुआ। तीन महीनों तक लगातार वेतन न मिलने के कारण परेशान ये जवान पिछले सप्ताह मेरे पास अपनी समस्या को लेकर आए। मैंने इनके संबंध में पीआरडी व एसडीआरएफ के अधिकारियों से वार्ता की तो पता चला कि इनकी सेवा वृद्धि के लिए शासन के पास प्रस्ताव लंबित है। इस कारण वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा।
धस्माना ने श्री संधू से कहा कि ये सभी जवान अल्प वेतन भोगी 15 से 17 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले हैं। तीन महीने तक वेतन न मिलने से अधिकांश के घरों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। अब इनको एसडीआरएफ में ड्यूटी पर आने से भी मना कर दिया गया है, जबकि एसडीआरएफ की ओर से पीआरडी से और जवानों की तैनाती के लिए डिमांड भेजी गई है।
उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि आप इन 62 जवानों के वेतन भुगतान के लिए व इनकी एसडीआरएफ में पुनः तैनाती के लिए संबंधित विभाग व अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें। मुख्य सचिव ने कहा कि वे शीघ्र इस पूरे प्रकरण की जानकारी ले कर अविलंब कार्यवाही करेंगे। धस्माना के साथ प्रदेश कांग्रेस महामंत्री राजेन्द्र शाह व अनुज दत्त शर्मा प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।




