विश्व विटिलिगो दिवस पर हिमालयन हॉस्पिटल में जागरूकता अभियान, लाइलाज नहीं है सफेद दाग: डॉ. वाईएस बिष्ट
इस मौके पर वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. वाईएस बिष्ट ने बताया कि समाज में विटिलिगो से जुड़े कई मिथकों के कारण प्रभावित लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार का सामना भी करना पड़ता है। विटिलिगो व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को प्रभावित नहीं करता है। इसे लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विटिलिगो एक प्रकार का त्वचा विकार है, जिसे सामान्यतः ल्यूकोडर्मा के नाम से जाना जाता है। इसमें शरीर की रंग बनाने वाली कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। यह संक्रामक रोग नहीं है।
डॉ. समरजीत रॉय ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के कारण सफेद दाग की रोक-थाम के लिए काफी विकल्प मौजूद हैं। कई मरीजों में सर्जरी से त्वचा प्रत्योरोपण से सफेद दाग का इलाज संभव है। डॉ. साधना रतूड़ी ने कहा कि समाज में इस बीमारी से जुड़ी कुछ भ्रांतियां है जैसे खान-पान में सफेद चीजें जैसे दूध, दही, पनीर आदि का सेवन, यह एक कुष्ठ रोग और छूने से फैलता है, सफेद दाग का इलाज संभव नहीं है। सफेद दाग से जुड़ी ऐसे ही कई गलत धारणाएं हैं, इन्हें जागरुकता से ही दूर किया जा सकता है। डॉ. अर्नव, डॉ. शीनम, डॉ. ऋतु, डॉ. अनुज ने ओपीडी में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से सफेद दाग के उपचार, लक्ष्ण व इससे जुड़ी भ्रांतियों के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।