अग्निपथ के विरोध में भारत बंद आज, सख्ती के लिए पुलिस और प्रशासन तैयार, देहरादून में मजिस्ट्रेट तैनात
देश भर में अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अब कई संगठनों ने 20 जून को भारत बंद का ऐलान किया है। भारत बंद के ऐलान के बाद राज्यों की पुलिस ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना शुरू कर दिया है।
गौतमबुद्ध नगर में धारा 144
यूपी में नोएडा पुलिस का कहना है कि गौतम बुद्ध नगर में धारा 144 पहले ही लागू है, ऐसे में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाएगा। ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन को लेकर 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
केरल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
केरल पुलिस ने भी भारत बंद को लेकर अपनी तैयारी को पुख्ता किया है। केरल पुलिस ने कहा है कि 20 जून को उनके सभी जवान ड्यूटी पर होंगे। इस दौरान अगर कोई किसी भी तरह की हिंसा फैलाने की कोशिश करता है तो हम उसे गिरफ्तार करेंगे। पुलिस प्रमुख ने भारत बंद के दौरान कोर्ट, केएसईबी ऑफिस, केएसआरटीसी, निजी बसों के साथ-साथ सरकारी दफ्तर और संस्थानों को विशेष सुरक्षा देने की बात कही है।
झारखंड में सभी स्कूल बंद करने का फैसला
झारखंड में भी भारत बंद के मद्देनजर सभी स्कूल और कुछ संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है। झारखंड के शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि स्कूलों को बंद करने का फैसला भारत बंद को देखते हुए लिया है।
पंजाब में भी उपद्रव से निपटने की तैयारी
वहीं, पंजाब पुलिस ने भी भारत को लेकर खास तैयारी की है। पंजाब के एडीजीपी, लॉ एंड ऑर्डर ने सभी सीपी और एसएसपी को भारत बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर विशेष निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम सोशल मीडिया से गलत जानकारी फैलाने वालों पर भी नजर रखे हुए हैं। हम इस बात का खास ख्याल रखेंगे कि भारत बंद के दौरान कोई इस प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल न करे।
देहरादून में मजिस्ट्रेट रखेंगे निगाह
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विपक्षी राजनीतिक दलों, वामपंथी, छात्र, बेरोजगार संगठनों के साथ सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के भारत बंद के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने मजिस्ट्रेट एवं सहायकों की तैनाती की है। उप जिलाधिकारी सदर मनीष कुमार को क्षेत्राधिकारी नगर, कोतवाली, बसंत विहार, डालनवाला, राजपुर, संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा को क्षेत्राधिकारी सदर, क्लेमेनटाउन, रायपुर, पटेल नगर, क्षेत्राधिकारी नेहरू कॉलोनी, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश शैलेंद्र नेगी को क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश एवं रायवाला, उप जिलाधिकारी डोईवाला युक्ता मिश्रा को क्षेत्राधिकारी डोईवाला, रानीपोखरी, अपर नगर मजिस्ट्रेट माया दत्त जोशी को क्षेत्राधिकारी प्रेम नगर, सहसपुर से सेलाकुई तक, उप जिलाधिकारी चकराता सौरव असवाल को क्षेत्राधिकारी विकासनगर, चकराता, त्यूणी, कालसी तथा उप जिलाधिकारी मसूरी नरेश चंद्र दुर्गापाल को क्षेत्राधिकारी मसूरी कैंट तैनात किया गया है। उन्होंने तैनात सभी मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने- अपने क्षेत्र अंतर्गत तैनात रहकर शांति व्यवस्था बनाए रखेंगे। साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों का नियमित भ्रमण करते रहेंगे। भीड़ को इकट्ठा नहीं होने देंगे।
ये है योजना
अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष के युवाओं को सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा, जो अग्निवीर कहलाएंगे। चार साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत को आगे की सेवा के लिए रखा जाएगा, बाकी को एकमुश्त करीब 12 लाख रुपये देकर बाहर कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। सेवानिवृत्त होने वाले युवाओं को ना ही पेंशन का लाभ मिलेगा और ना ही ग्रेच्यूटी आदि का। ऐसे में युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। साथ ही पुराने पेटर्न पर ही सेना में भर्ती की मांग कर रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा था कि-अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। उनके कार्यालय ने कहा कि- इस संबंध में आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
युवाओं को नामंजूर है योजना
आंदोलनरत युवाओं के मुताबिक, उन्हें नई योजना नामंजूर है। ऐसे में पुरानी योजना ही लागू कर दी जाए। एक छात्र ने सवाल पूछते हुए कहा कि इससे क्या फायदा होगा? चार साल के बाद वो हमें सेना से निकाल देंगे? उसके बाद हम क्या करेंगे? छात्रों का कहना है कि सेना में गरीब घर के बच्चे जाते हैं। ना कि किसी नेता या अमीर गरीब के बच्चे। ऐसे में चार बाद जब हमें निकाल दिया जाएगा तो हम क्या करेंगे? हमारे परिवार का क्या होगा? ऐसे में हमारी सरकार में मांग है कि सेना में भर्ती के लिए पुराने पैटर्न को ही लागू किया जाए।
एक साल के लिए नियम में बदलाव, उम्र में छूट
केंद्र सरकार ने गुरुवार की रात एलान किया था कि साल 2022 में भर्ती प्रक्रिया में उम्र सीमा में दो साल की छूट दी जाएगी। यानि इस बार 23 साल तक के छात्र भर्ती प्रकिया के लिए योग्य होंगे। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं हुई है। यह आयुसीमा केवल एक बार के लिए ही बढ़ाई गई है। इसके बाद आयुसीमा 21 साल की ही रहेगी। हालांकि, इस छूट के बावजूद छात्र असंतुष्ट हैं। उनकी मांग है कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाए। उनका मानना है कि इससे युवाओं को कोई फायदा नहीं होने वाला है। विरोध में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे युवा कई राज्यों में आंदोलन कर रहे हैं।
सीएपीएफ में दस फीसद आरक्षण
सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में तेज हो रहे विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत ‘अग्निवीरों’ को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ CAPF) और असम राइफल्स में 10 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। इसी के साथ अभ्यर्थियों को आयुसीमा में भी छूट देने का फैसला किया गया। गृहमंत्री कार्यालय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है। गृहमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीटर अकांउट से लिखा कि गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10 फीसद रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
सीएपीएफ और असम राइफल्स में आयु सीमा में छूट
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है। अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी। थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले अग्निवीर सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की थी। गृह मंत्रालय के इस फैसले से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षित युवा देश की सेवा एवं सुरक्षा में आगे भी योगदान दे पाएंगे। ट्वीट में कहा गया है कि फैसले पर विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।