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February 3, 2025

दो साल में 30 फीसद घटी एलआइसी की पॉलिसी की बिक्री, ये रहे कारण

कोरोना वायरस महामारी का असर पूरे देश और हर एक सेक्टर पर देखने को मिल रहा है। आइपीओ लाने की तैयारी कर रही देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) भी इससे अछूती नहीं रही।

कोरोना वायरस महामारी का असर पूरे देश और हर एक सेक्टर पर देखने को मिल रहा है। आइपीओ लाने की तैयारी कर रही देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) भी इससे अछूती नहीं रही। कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई। आर्थिक संकट से आम आदमी और संस्थाओं की कमाई घट गई और इसका सीधा असर देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC के बिजनेस पर पड़ा। मार्केट रेगुलेटर SEBI को सबमिट किये गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (मसौदा दस्तावेज) में LIC मैनेजमेंट ने यह खुलासा किया।
LIC मैनेजमेंट ने खुलासा किया है कि वित्त वर्ष 2019 (यानी वित्त वर्ष 2018-19) में LIC ने 7.5 करोड़ नई व्यक्तिगत और ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी जारी की थी, लेकिन 2020 में LIC द्वारा जारी नई पॉलिसियों (Individual और Group) की संख्या घटकर 6.24 करोड़ रह गयी। वहीं, वित्तीय साल 2021 में नयी पॉलिसीज़ की संख्या और घटकर सिर्फ 5.25 करोड़ रह गई यानी पिछले 2 वित्तीय साल में पॉलिसी इशू करने के मामले में करीब 30% की गिरावट आई है।
सबसे ज्यादा गिरावट LIC की तरफ से जारी की गई ग्रुप पॉलिसीज की बिक्री में दर्ज़ की गयी है, जो पिछले 2 साल में करीब 41.23% घट गयी। LIC ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान मृत्यु से जुड़े बीमा क्लेम्स में बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2019, वित्त वर्ष 2020, वित्त वर्ष 2021 और 30 सितंबर 2021 को समाप्त छमाही में मृत्यु के इंश्योरेंस क्लेम के रूप में क्रमश: 17,128 करोड़, 17,527 करोड़, 23,926 करोड़ और 21,734 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। यह कुल बीमा दावों का क्रमश: 6.79%, 6.86%, 8.29% और 14.47 प्रतिशत है।
सरकार ने हाल ही में एलआईसी के आईपीओ के लिए सेबी के पास मसौदा दस्तावेज दाखिल किया था। आईपीओ के मार्च में पूंजी बाजार में आने की उम्मीद है.इस आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश कर रही है। इसके तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी। 31 मार्च, 2021 तक एलआईसी के पास 28.3 करोड़ पॉलिसियों और 13.5 लाख एजेंटों के साथ नए प्रीमियम व्यापार में 66 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी। एलआईसी के आईपीओ का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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