उत्तराखंड में 65.10 प्रतिशत वोटिंग, 632 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद
उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए आज सोमवार को 65.10 प्रतिशत मतदान हुआ है। शाम छह बजे के बाद भी कई बूथ में लाइन लगी हुई थी। ऐसे में वहां देर तक मतदान चला।
उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए आज सोमवार को 65.10 प्रतिशत मतदान हुआ है। शाम छह बजे के बाद भी कई बूथ में लाइन लगी हुई थी। ऐसे में वहां देर तक मतदान चला। डाक मतपत्र मतगणना के दिन, यानी 10 मार्च सुबह आठ बजे तक स्वीकार किए जाएंगे। निर्वाचन आयोग के अनुसार लगभग 65.10 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान के अंतिम आंकड़े दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों से पोलिंग पार्टियों के लौटने पर जारी किए जाएंगे। इस बार भी मतदान का आंकड़ा वर्ष 2017 के चुनाव में हुए मतदान के तकरीबन बराबरी पर आ गया है। वर्ष 2017 में 65.64 प्रतिशत मतदान हुआ था। हरिद्वार जिले में सर्वाधिक 74.20 प्रतिशत और अल्मोड़ा जिले में सबसे कम 53.12 प्रतिशत मत पड़े। मतदान के दौरान 61 ईवीएम और 98 वीवीपैट तकनीकी खराबी के कारण बदले गए। आचार संहिता उल्लंघन के 203 मामले दर्ज किए गए। मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहा। राज्य की सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षा के दृष्टिगत सील कर दिया गया था।कई की दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर
उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा के लिए राज्य के 82.66 लाख मतदाता सभी 70 सीटों के लिए मैदान में उतरे 632 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए गए कर्नल अजय कोठियाल समेत अन्य नेता शामिल हैं। भाजपा, कांग्रेस और आप के 70-70 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा के 60, सपा के 56 और उक्रांद के 46 प्रत्याशियों के अलावा 260 अन्य प्रत्याशी भी मैदान में हैं। मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है।
सरकारी मशीनरी मुस्तैद
मतदान के लिए लिए प्रदेश को 276 जोन और 1447 सेक्टर में बांटा गया है। प्रदेश के 8624 मतदान केंद्रों के 11697 मतदेय स्थलों पर वोट डाले जाएंगे। प्रदेश में 776 अतिसंवेदनशील (क्रिटिकल), 1050 संवेदनशील (वलनरेबल) और 173 विशेष निगरानी मतदान केंद्र चिह्नित किए गए हैं। चुनाव के दौरान नजर रखने को केंद्र द्वारा एक विशेष सामान्य पर्यवेक्षक, एक विशेष पुलिस पर्यवेक्षक और एक विशेष व्यय लेखा पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं।
मतदाता पहचान पत्र नहीं हैं तो ये लेकर जाएं साथ
राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने कहा कि सभी मतदाता मतदान के लिए अपना फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र लाएं। यदि किसी के पास फोटो युक्त पहचान पत्र नहीं है तो 12 अन्य दस्तावेजों को फोटो पहचान पत्र के विकल्प के रूप में प्रयोग कर मतदान कर सकते हैं। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, बैंक व डाकघर द्वारा जारी फोटो युक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालयों के साथ ही कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान पत्र, सांसद, विधायक व विधान परिषद सदस्यों को जारी सरकारी पहचान पत्र तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजन को जारी यूडीआइडी कार्ड आदि शामिल हैं। इन्हें दिखाकर भी मतदाता अपनी पहचान सुनिश्चित करते हुए मतदान कर सकते हैं।




