गुजरात में सामने आया अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला, सीबीआइ ने एबीजी शिपयार्ड के प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने गुजरात में अब तक के सबसे बड़े बैंक घोटाले का पर्दाफाश किया है। एबीजी (ABG) शिपयार्ड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
एसबीआइ के डीजीएम ने गुजरात की कई कंपनियों पर 22842 करोड़ के फ्रॉड का आरोप लगाया हैय़ इस घोटाले को बैंकिंग फ्रॉड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा सकता है, क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक फ्रॉड करने वाली दो कंपनियां मुख्य हैं। इनके नाम एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं। यह दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं।
एफआईआर के मुताबिक, इस कंपनी ने तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर बैंकों के समूह को चूना लगाया। बैंकों के साथ-साथ एलआईसी को भी 136 करोड़ रुपये का चूना लगा है। एसबीआई को 2468 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आरोप है कि बैंकों से फ्रॉड किए गए पैसे को विदेशों में भी भेजा गया और काफी प्रॉपर्टी खरीदी गईं। तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर पैसा एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजा गया।
एसबीआई की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास आईसीआईसीआई बैंक के 7089 करोड़, 3634 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक, 1614 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, 1244 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक, 1228 करोड़ रुपये इंडियन ओवरसीज बैंक के हैं। बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई। डेढ़ साल से अधिक समय तक “जांच” करने के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की।
एजेंसी ने एबीजी शिपयार्ड और उनके डायरेक्टर्स ऋषि अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया। कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी थी। फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें पैसे का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में अब आगे जांच शुरू कर दी है। सभी संबंधित दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है. इससे पहले हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (PNB Bank Fraud) के साथ 14 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला बेहद चर्चित रहा था। नीरव मोदी की देश और विदेश में काफी संपत्तियां जब्त भी की जा चुकी हैं। उसे लंदन से भारत प्रत्यर्पित करने की कोशिश भी चल रही है। वहीं विजय माल्या (Vijay Mallya) पर भी करीब 9 हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला भी सुर्खियों में हैं। उसे भी भारत प्रत्यर्पित करने की कवायद आखिरी चरण में है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।