निर्वाचन आयोग ने चुनाव रैलियों और रोड शो में 11 फरवरी तक बढ़ाया प्रतिबंध, पब्लिक मीटिंग में दी कुछ राहत
कोरोना के खतरे के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रैलियों और रोडशो पर लगे प्रतिबंध को 11 फरवरी तक बढ़ाने का ऐलान किया है।
कोरोना के खतरे के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रैलियों और रोडशो पर लगे प्रतिबंध को 11 फरवरी तक बढ़ाने का ऐलान किया है। चुनाव आयोग ने रोडशो, पदयात्रा, साइकिल, बाइक, वाहन रैलियो और जुलूसों पर प्रतिबंध 11 फरवरी तक बढ़ा दिया है। हालांकि आयोग ने चुनाव प्रचार और बैठकों के लिए लोगों की संख्या के मामले में कुछ रियायत दी है। अब राजनीतिक पार्टियों और चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की खुले स्थान पर हो रही फिजिकल पब्लिक मीटिंग में अधिकतम 1000 लोगों को शामिल होने की इजाजत दी गई है। पूर्व में यह सीमा 500 थी। निर्वाचन आयोग ने डोर-टू-डोर कैंपेन के अंतर्गत लोगों की सीमा भी बढ़ाई है. अब 20 लोग (सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर) डोर टू डोर कैंपेन में हिस्सा ले सकेंगे, पहले यह सीमा 10 लोगों की थी।गौरतलब है कि पहले चरण के तहत 10 फरवरी को वोट डाले जाने हैं।इससे पहले, चुनाव आयोग ने राजनीतिक रैलियों, रोड शो पर पाबंदी 31 जनवरी 2022 तक बढ़ाई थी। चुनाव आयोग ने जब 8 जनवरी को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, तब उसने एक हफ्ते के लिए रैलियों, रोडशो औऱ जनसभा पर पाबंदी लगाई थी। इसे बाद में 15 जनवरी और फिर 22 जनवरी को बढ़ाया गया था।
इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के अधिकारियों की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों, राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों औऱ स्वास्थ्य महकमों के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। चुनाव आयोग यूपी, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब में कोविड टीकाकरण अभियान की भी लगातार समीक्षा कर रहा है। साथ ही यहां कोरोना के मामलों के ग्राफ पर भी उसकी नजर है।
10 फरवरी से शुरू होगी वोटिंग
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में वोटिंग होगी, 10 फरवरी से 7 मार्च तक। उत्तराखंड और गोवा में एक साथ 14 फरवरी को वोटिंग होगी। पंजाब में 20 फरवरी को, वहीं मणिपुर, में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोट पड़ेंगे। सब जगह नतीजे 10 मार्च को आएंगे।




