उत्तराखंड में कांग्रेस नेता ने दूसरे दलों से भी की ये अपेक्षा, सामने रखी सिख समाज की भावनाएं
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष के सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह ने सिख समाज की भावनाओं से सभी राजनीतिक दलों को अवगत कराया। साथ ही अपेक्षा की है कि उनकी भावनाओं का सम्मान सभी दल करें।
एक बयान में अमरजीत सिंह ने कहा कि सिख समाज ने देश एवं राज्य में आई आपदाओं एवं विभिन्न परिस्थितियों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उत्तराखंड सिख समाज की कुछ आवश्यक एवं महत्वपूर्ण मांगें हैं जो कई वर्षों से लंबित पड़ी है जिन्हें लेकर हम लगातार अपनी आवाज उठाते रहे हैं। राजनीतिक दलों को सिखों व पंजाबियों का वोट तो चाहिए, परंतु उनकी मांगों पर कभी भी गम्भीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया। उत्तराखंड की सत्ता में रही विभिन्न दलों की सरकारों ने केवल सिख समाज को मौखिक आश्वासन ही दिया है और धरातल पर कोई ठोस कार्य ऐसा नहीं किया। इससे सिख समाज को अभी तक ऐसा नहीं लगा कि उत्तराखंड की राजनीतिक पार्टियां उनके हितों को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि सिख समाज का कहना है कि जो दल उनकी मांगों पर विचार करेगा, उसे ही समाज वोट देने के लिए सोचेगा।
उन्होंने बताया कि हम पूर्व में भी उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल एवं उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव संचालन समिति अध्यक्ष हरीश रावत को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत करा चुके हैं। अब 2022 विधानसभा चुनाव के इस चुनावी समर में हम अपनी जायज मांगों को लेकर कांग्रेस पार्टी से मौखिक नहीं, बल्कि लिखित आश्वासन चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारी मांगों को कांग्रेस पार्टी अपने 2022 घोषणा पत्र में सम्मिलित कर हमें पूर्ण आश्वासन दे कि चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर सिख समाज की इन मांगों को मान कर सिख समाज को कृतार्थ करेगी।
उन्होंने दोहराई ये मांगे
1. हरिद्वार स्थित गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब भूमि आवंटन विवाद का निस्तारण।
2. केंद्र सरकार द्वारा पारित एवं अन्य राज्यों (दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा व पंजाब) की भांति आनंद मैरिज एक्ट को उत्तराखंड में लागू किया जाये।
3. उत्तराखंड राज्य में पंजाबी अकादमी की स्थापना के वादे को निभाया जाए। 4. देहरादून में श्री गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी स्वीकृत कर उसकी स्थापना के लिए भूमि आवंटित की जाए।
5. जनसेवा हेतु सिख समाज को विश्व स्तरीय हॉस्पिटल बनने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए।
6. अल्पसंख्यक कोटे के आधार पर शिक्षित बच्चों के लिए सरकारी विभागों एवं संस्थानों में रोजगार सुनिश्चित करें।
7. अल्पसंख्यक कोटे के आधार पर स्वरोजगार योजना के तहत बैंकों से सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाए।
8. हरियाणा, पंजाब की भांति राय सिख जाति को उत्तराखंड में अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जाए।
9. सिख समाज को सरकार एवं संगठन में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।