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October 1, 2024

बसपा सुप्रीमो मायावती की चुप्पी पर प्रियंका गांधी ने जताई हैरानी, कहा-कहीं बीजेपी का दबाव तो नहीं

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उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों ने चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अब भी ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं।

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों ने चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अब भी ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं। इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी हैरानी जताई। साथ ही आशंका व्यक्त की है कि कहीं उन पर बीजेपी दबाव तो नहीं बना रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा के “लो-प्रोफाइल चुनावी अभियान” पर “आश्चर्य” व्यक्त किया है। कहा है कि राज्य में चुनावों के बीच भी बसपा शांत बनी हुई है। व्यापक धारणा के बारे में पूछे जाने पर कि बसपा प्रमुख मायावती चुनावों में अपने सामान्य अंदाज में प्रचार नहीं कर रही हैं, बल्कि चुप हैं। गांधी ने कहा कि वह भी यह देखकर हैरान हैं।
एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में प्रियंका गांधी ने कहा कि छह-सात महीने पहले हम सोचते थे कि उनकी पार्टी सक्रिय नहीं है, शायद वे चुनाव के करीब शुरू हो जाएं। अब हम भी बहुत हैरान हैं कि चुनाव शुरू हो चुका है। हम चुनावों के बीच में हैं। बावजूद इसके वो सक्रिय नहीं हैं। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जैसा कि आपने कहा- (वह) बहुत शांत हैं, मैं समझ नहीं पा रही हूं। यह संभव है कि भाजपा सरकार उन पर दबाव बना रही हो। पांच चुनावी राज्यों और अन्य राज्यों में उनकी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्होंने असम और गोवा में प्रचार किया है, लेकिन यूपी में शांत हैं।
उन्होंने कहा कि जहां भी मेरी पार्टी मुझसे प्रचार करने को कहती है, मैं वहां-वहां चुनाव प्रचार करती हूं। यह पूछे जाने पर कि यूपी में कांग्रेस की गठबंधन वार्ता सफल नहीं रही और क्या अन्य राज्यों में अपने दम पर ही चुनाव लड़ना कांग्रेस का मॉडल होगा? प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन या अपने दम पर चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए एक “डायनमिक पॉलिसी” होगी। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के लिए बोल सकती हूं। हमने यूपी में अतीत में गठबंधन के साथ प्रयोग किया है।
उन्होंने कहा कि हमने 2017 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। इससे पहले, हमने बसपा के साथ गठबंधन किया था। इसलिए उत्तर प्रदेश में, हमारे पास यही रास्ता है, जिसे हमने चुना है। मैं अन्य राज्यों के बारे में नहीं बोल सकती कि क्या कांग्रेस पार्टी इस रास्ते पर चलेगी। मुझे लगता है कि इस बारे में पार्टी की एक गतिशील नीति है और यह निर्णय उसी आधार पर होगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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