हरीश रावत के ट्विट इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं
उत्तराखंड कांग्रेस में भीतर ही भीतर कुछ पक रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पार्टी संगठन को मजबूत करने को उत्तराखंड के दौरे पर हैं, लेकिन ऐसा नहीं लगता है कि उनके दौरे से संगठन मजबूत हो रहा है। क्योंकि वरिष्ठ नेताओं का सोशल मीडिया में जो रुख है, उसे देखकर तो लगता है कि भीतर ही भीतर घमासान मचा है।
अब बात करते हैं पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत की। ज्यादातर उनके आंदोलन पार्टी कार्यक्रम से अलग हटकर आयोजित होते हैं। वहीं, सोशल मीडिया में वह किसी न किसी मुद्दे को लेकर टिप्पणी कर इशारों ही इशारों में बात कह डालते हैं। हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कोटद्वार में कहा कि पार्टी छोड़कर जाने वालों के लिए घर वापसी के लिए रास्ते खुले हैं। पर इस पर निर्णय हाईकामन को लेना है।
इसे लेकर हरीश रावत की सोशल मीडिया पर ये टिप्पणी आई-
दल बदलूओं की वापसी को लेकर बार-बार #पार्टी हाईकमान के आदेश का उल्लेख किया जा रहा है, अच्छी बात है, सभी लोग पार्टी हाईकमान के निर्णय का स्वागत करेंगे, मगर क्या दल-बदलूओं ने कांग्रेस में अर्जी लगाई है? ऐसी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं हुई है। फिर इस प्रसंग में बार-बार हाईकमान के नाम का क्यों उल्लेख किया जा रहा है? #भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से असम, दिल्ली, अरुणांचल, गोवा, मणिपुर, कर्नाटका, मध्य प्रदेश, यहां तक की गुजरात में भी दल-बदल कराया है और लोकतंत्र को कलंकित किया है। मेरे विचार में दल-बदलू इतने मासूम नहीं हैं, जितना मासूम अर्थात रूठे हुये लोग बताया जा रहा है। #लोकतंत्र के खिलाफ, भाजपा के षड्यंत्र के इन हिस्सेदारों के खिलाफ कांग्रेसजन लड़े हैं और लड़ते रहेंगे।
अब बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के कर्णप्रयाग दौरे के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने थराली उप चुनाव के दौरान कांग्रेस की हार के लिए हरीश रावत को ही जिम्मेदार बता दिया। इस पर हरीश रावत भी कहां चूकने वाले थे। उन्होंने दो ट्विट किए। इसमें कहा कि- राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा में 59 सीटों में #कांग्रेस की चुनावी हार के लिये मैं उत्तरदायी हूं। मेरे दोस्त भी ये कहते थकते नहीं हैं और मैंने भी इसको सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया है, इस बार #कर्णप्रयाग से एक नई जानकारी सामने आयी है कि थराली का उपचुनाव भी कांग्रेस, घाट में हुई मेरी आम #जनसभा के कारण हार गई। तो इसका अर्थ है कि अब मुझे उत्तराखंड में 60 सीटों की #चुनावीहार के लिये जिम्मेदार माना जाना चाहिये। इस नई खोज के लिये मैं, कांग्रेसजनों विशेष तौर पर #चमोली के कांग्रेसजनों को बहुत धन्यवाद देता हूं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।