ललित मोहन गहतोड़ी का कुमाऊंनी गीत-अंट शंट हैगे हाये
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अंट शंट हैगे हाये
अंट शंट हैगे हाये…2
अंट शंट हैगे हाये…2
जिंदगी झंड पनि झंड हैगे हाये
खालि खालि सोचिबे घमंड हैगे हाये
अंट शंट हैगे हाये…2
अंट शंट हैगे हाये…2
भरि दफोरि घाम बाटा लागि,
रात म रूनि भारि।
हड़का ठर्री घर पुजनि,
भरि राति अंधियारी।।
भरि राति अंधियारी रे झंड हैगे हाये
अंट शंट हैगे हाये…2
अंट शंट हैगे हाये…2
भोर हुनि पेटकाव पड़नि,
चड़ चड़फड़ाट भारी।
घाटि सुकनि तिस सतुनि,
फिरि आजि लागि खुमारी
फिरि आजि लागि खुमारी रे झंड हैगे हाये
अंट शंट हैगे हाये…2
अंट शंट हैगे हाये…2
कभै बतुनि बात टेड़ि,
कभै अनडवानी।
कभै बतुनि भै बरबादी,
खाली पीलि कहानी।।
खालि पीलि कहानी रे झंड हैगे हाये…
अंट शंट हैगे हाये…2
अंट शंट हैगे हाये…
नोटः यहां अंट शंट को भाषा में बहुत ज्यादा के लिए प्रयोग किया गया है।
कवि का परिचय
नाम-ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा :
हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।