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December 14, 2025

सीपीआइ (एम) के सम्मेलन में दूसरे दिन साम्प्रदायिकता के खिलाफ सहित अनेक प्रस्ताव पारित

देहरादून में आयोजित किए जा रहे सीपीआइ (एम) के सातवें राज्य सम्मेलन के दूसरे दिन सांप्रदायिकता के खिलाफ सहित विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। इस मौके पर पार्टी के पोलिट ब्यूरो सदस्य तपनसेन ने कहा कि पूंजीवाद आर्थिक रूप से एकाधिकार चाहता है।

देहरादून में आयोजित किए जा रहे सीपीआइ (एम) के सातवें राज्य सम्मेलन के दूसरे दिन सांप्रदायिकता के खिलाफ सहित विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। इस मौके पर पार्टी के पोलिट ब्यूरो सदस्य तपनसेन ने कहा कि पूंजीवाद आर्थिक रूप से एकाधिकार चाहता है। इसलिए वह इसे राजनीति में तानाशाही के माध्यम से हासिल करना चाहता है। सम्मेलन में प्रदेशभर के प्रतिनिधियों ने पार्टी, राजनैतिक, सांगठनिक, भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा की।
इस मौके पर तपनसेन ने कहा कि पार्टी ने उत्तराखंड में काफी कुछ संघर्ष किया हैस किन्तु वर्तमान विषम परिस्थितियों के चलते यह नाकाफी है। इसलिए राज्य में मजबूत पार्टी का निर्माण जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद सत्ता तथा बडे़ बडे़ पूंजीवादी घरानों के नापाक गठबंधन ने निहित स्वार्थो के कारण देश को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस देश में अमीरी और गरीबी के बीच की खाई और अधिक चौड़ी हुई है। निजीकरण की प्रक्रिया तेज हुई है।
सांगठनिक सत्र में विचार व्यक्त करते हुऐ पार्टी केन्द्रीय कमेटी सदस्य बीजू कृष्णणन ने कहा है कि पार्टी इस सम्मेलन से साथीगण नई ऊर्जा तथा दिशा लेकर एकजुटता के साथ आगे बढे़ंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता गंगाधर नौटियाल, इन्दु नौडियाल, भूपाल सिंह रावत, शिव प्रसाद देवली के चार सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की। स्टैरिंग कमेटी में कामरेड राजेन्द्रसिंह नेगी, विजय रावत, सुरेन्द्रसिंह सजवाण, महेंद्र जखमोला तथा राजेन्द्र पुरोहित मुख्य वक्ता रहे।

ये प्रस्ताव किए गए पारित
सम्मेलन के दूसरे दिन अनेक प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें बढ़ती साम्प्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष करना, श्रम विरोधी कानून पर प्रस्ताव, किसान एवं मजदूर विरोधी कानून, बेरोजगारी के खिलाफ, महिलाओं एवं दलित समाज की समस्याओं को लेकर प्रस्ताव, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ प्रस्ताव, नीजिकरण एव मौद्रीकरण के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए। सम्मेलन ने हरिद्वार में धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण की कड़े शब्दों में निन्दा की गई। साथ ही पार्टी ने डीजीपी को पत्र लिखकरअविलम्ब आयोजकों तथा भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
इन्होंने भी रखे विचार
सम्मेलन में विभिन्न जिलों से अशोक, जगमोहन रांगड, युसूफ तिवारी, हिमांशु चौहान, राजेंद्र नेगी, भरत भंडारी, संजय पुंडीर, राजेन्द्र सिंह, इन्द्रसिंह, आषाढ़ सिंह, सुरेंद्र सिह रावत, जागीर सिंह, योगेश पचौलिया, शम्भू प्रसाद ममगाई, सुनील धस्माना, सतकुमार, कमलेश गौड़, मोहनसिंह, कृष्ण गुनियाल, पुरूषोत्तम बडोनी, एस एस नेगी, नरेंद्र रावत, बस्तीलाल, उमा नौटियाल, गीता बिष्ट, चिन्तामणि थपलियाल, नितिन मलेठा, दिनेश पांडेय, एन शर्मा, शैलेंद्र परमार, दमयन्ती नेगी, सुधा देवली, गगन गर्ग, भावना रावत, मनीष, नुरैशा, सत्यम ने रिपोर्ट एवं प्रस्तावों पर अपने विचार व्यक्त किए।
इनका भी रहा योगदान
मिनिट्स कमेटी में कामरेड भगवान सिंह राणा, आर पी जोशी तथा राजा राम सेमवाल, क्रैडिंसियल कमेटी में मदन मिश्रा, पुरूषोत्तम बडोनी तथा शम्भू प्रसाद ममगाई शामिल थे। प्रेस समिति में अनन्त आकाश, विनोद खंडूरी, लेखराज तथा हिमांशु चौहान शामिल थे। व्यवस्था में कमरूदीन, अर्जुन रावत, सुमन नेगी, रिचा नौडियाल, मनोज, अरविन्द आदि प्रमुख थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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