सीएम ने दिया आमंत्रण, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों से हुई वार्ता, इन बिंदुओं पर की गई चर्चा
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया। इस पर प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रान्तीय अध्यक्ष अरूण पांडे एवं प्रदेश महामंत्री श्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने आज शनिवार को सीएम आवास में मुख्यमंत्री धामी से भेंट की। उन्होंने 27.08.2018 को परिषद के साथ हुई बैठक की जारी की गई कार्यवृत्ति में उल्लिखित बिन्दुओं के संबंध में सीएम को विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बताया कि परिषद के 11 सूत्रीय मांगपत्र पर सर्वसहमति से कार्यवाही के लिए विभिन्न निर्देश दिये गये थे। इसमें कार्मिकों को एसीपी 10, 16 एवं 26 वर्ष की सेवा अवधि पर पदोन्नति वेतनमान पर शासन के वित्त विभाग, समस्त प्रशासकीय विभाग एवं निदेशक वित्त के की ओर से अपेक्षित कार्यवाही की जानी थी, जो अभी तक लंबित है।
बैठक में विभिन्न बिंदुओं एसीपी के अन्तर्ग त पदोन्नत वेतनमान दिया जाना, विभिन्न विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष लम्बित पदोन्नति किया जाना, विभागीय कार्मिकों के लम्बित प्रकरणों पर कार्यवाही के लिए विभागीय सचिव की अध्यक्षता में परिषद व विभागीय संगठन के साथ बैठकों का आयोजन कर प्रकरणों का निस्तारण करने आदि पर चर्चा की गई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में प्रान्तीय अध्यक्ष अरूण पाण्डे व प्रान्तीय महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के आन्दोलन तथा 26 अक्टूबर, 2021 से प्रस्तावित हड़ताल के बारे में अवगत कराया। साथ ही मांग की कि समिति के 18 सूत्रीय मांग पत्र पर समिति के संयोजक मंडल से सीएम की अध्यक्षता में शीघ्र त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की जाए। इससे आन्दोलन से उत्पन्न गतिरोध समाप्त किया जा सकेगा।
इस पर माननीय मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि शीघ्र इस सम्बन्ध में बैठक आयोजित की जायेगी। वार्ता में परिषद के मांगपत्र पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। साथ ही इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव डा एसएस संधु व प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री आनन्द वर्द्धन की ओर से परिषद की मांगों के निस्तातरण पर कार्यवाही का भरोसा दिया।
ये रहे चर्चा के बिंदु
1-एसीपी की पूर्व व्यवस्था 10, 16 एवं 26 वर्ष को पदोन्नति न प्राप्त कर पाने वाले कार्मिकों के लिए पदोन्नति के पद के वेतनमान के साथ बहाली।
बताया कि उक्त के क्रम में पूर्व में की गई बैठक में सहमति बनी थी कि उन संवर्गों का जिन्हें पूरे सेवाकाल में 03 पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है, उनका अध्ययन कर आख्या प्रस्तुत की जाय, जिससे कि तदनुसार अग्रेतर कार्यवाही सम्पन्न की जा सके, किन्तु कार्यवाही लम्बित है।
2-राज्य सरकार द्वारा लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुये पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा अति उत्तम के स्थान पर उत्तम की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाये।
इस मामले में पदाधिकारियों ने बताया कि एसीपी लागू करते समय दी गई व्यवस्था के अनुसार 10 वर्ष की नियमित एवं सन्तोषजनक सेवा के आधार पर ही एसीपी अनुमन्य की जाती थी।
3-प्रदेश के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में पूर्व की भांति पदोन्नति में शिथिलीकरण का
लाभ दिया जाना।
बताया कि पूर्व में निर्णय लिया गया था कि मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में उक्त निर्णय पारित कर कार्मिकों को इसका लाभ दिया जायेगा, किन्तु लगभग 02 वर्ष के उपरान्त भी कार्यवाही अपेक्षित है। वहीं, मंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया था कि शिथिलीकरण का प्रस्ताव माननीय मंत्रिमंडल के विचारार्थ प्रस्तुत है।
4-राज्य कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाना।
इस संबंध में परिषद के संज्ञान में आया है कि योजनान्तर्गत मात्र उन्हीं चिकित्सालयों को पंजीकृत किया जायेगा, जिन्होंने अपना पंजीकरण अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत कराया हुआ है या कराएंगे। इस व्यवस्था से प्रदेश एवं प्रदेश के उन चिकित्सालयों में चिकित्सा का लाभ प्रदेश के कार्मिकों को नहीं मिल पायेगा, जिन्होंने आयुष्मान योजनान्तर्ग पंजीकरण नहीं कराया है। उन्होंने अनुरोध किया कि उक्त व्यवस्था को परिवर्तित करते हुए प्रदेश के समस्त नामचीन अस्पतालों जैसे फोर्टीज, मैक्स, कैलाश, सिनर्जी, हिमालयन व सीएमआई आदि व देश के समस्त उच्च चिकित्सा सुविधा वाले चिकित्सालयों में चिकित्सा का लाभ प्रदेश के कार्मि कों को दिलाया जाय। साथ ही यह भी अनुरोध किया कि सेवानिवृत्त कार्मिकों से पूर्व में प्रचलित हैल्थ स्मार्ट कार्ड की भांति मासिक प्रीमियम कटौती आधी की जाय।
5-विभिन्न विभागों में ढांचा/नियमावली अविलंब बनाई जाये तथा जिन विभागों में पदोन्नति नहीं हुई है उन विभागों में पदोन्नति किया जाना।
पदाधिकारियों ने सीएम को बताया कि शासन के विभिन्न निर्देशों के बावजूद कतिपय विभागाध्यक्षों द्वारा ढांचा व नियमावली बनाने में हीलाहवाली की जा रही है, जिससे कार्मि कों को समय से पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने अनुरोध किया कि ऐसे विभागों के विभागाध्यक्षों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाय। तथा भविष्य में प्रत्येक विभाग को निर्देश दिये जायें कि प्रत्येक माह की अन्तिम तिथि को डीपीसी अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करें।
6-चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को एसीपी के अन्तर्ग त ग्रेड पे-4200 दिया जाय तथा मृत घोषित किये गये सभी पदों को पुर्नजीवित किया जाय।
कर्मचारी नेताओं के मुताबिक, राज्य में समूह-घ के कार्मिकों के ग्रेड वेतन क्रमश-1800, 1900, 2000 रखे
गये हैं, जोकि भारत सरकार में लागू नहीं हैं। उक्त प्रकरण पर विगत बैठक में सचिव, वित्त को परीक्षण करते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे। कार्यवाही आतिथि तक लम्बित है।
7-स्थानान्तरण अधिनियम में महिलाओं को 50 वर्ष एवं पुरूषों को 52 वर्ष दुर्गम क्षेत्र में स्थानान्तरण पर छूट दिया जाना।
अनुरोध किया गया कि परिषद को प्रदेश के कार्मिकों से इस सम्बन्ध में लगातार अनुरोध किया जा रहा है। अतः उक्त व्यवस्था को लागू करने के लिए पूर्व बैठक में मंत्री की ओर से यथा समय स्थानान्तरण एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए दिये गये आश्वासन के अनुसार कार्यवाही की जाय।
8-उपनल कर्मियों की नियमावली बनाई जाय तथा नियमावली तैयार होने तक न्यूनतम वेतन निर्धारण किया जाय।
सीएम को अवगत कराया कि पूर्व की बैठक में आश्वासन दिया गया था कि नियमावली तैयार कर नियमितीकरण की कार्यवाही की जायेगी, किन्तु कार्यवाही लम्बित है।
9- जिन विभागों में पदोन्नति के अवसर नहीं है उन्हें अन्य संवर्गों की भांति स्टापिंग पैटर्न का लाभ दिया जाय। समस्त संवर्गों में समान रूप से पदोन्नति के अवसर प्रदान किये जाएं। प्रत्येक संवर्ग को पूरे सेवाकाल में कम से कम 03 पदोन्नति प्रदान की जायें।
10- जिन विभागों के कार्मिकों को वाहन भत्ता नहीं दिया जा रहा है, उन्हें पूर्व की भांति वाहन भत्ता दिये जाने के लिए सम्बन्धित विभागाध्यक्षों को कडे निर्देश दिये जाएं। मांग की गई कि वर्ष 2013 में किये गये शासनादेश के अनुरूप समस्त फील्ड कर्मचारियों को वाहन भत्ता अनुमन्य किया जाय।
11- पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुनः बहाल किया जाना। इससे कि प्रभावित कार्मिकों को पुरानी पेंशन की ही
भांति समस्त सुविधाएं प्राप्त होंगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।