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June 27, 2025

अब बेरोकटोक कीजिए चारधाम यात्रा, हाईकोर्ट ने सीमित संख्या की पाबंदी को हटाया, पर्यटन मंत्री ने किया स्वागत, एसओपी जारी

अब उत्तराखंड के चारधाम में बेरोकटोक यात्रा हो सकेगी। यात्रियों की सीमित संख्या की पाबंदी को हाईकोर्ट नैनीताल ने हटा दिया है। साथ ही कोर्ट ने साफ किया है कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा।

अब उत्तराखंड के चारधाम में बेरोकटोक यात्रा हो सकेगी। यात्रियों की सीमित संख्या की पाबंदी को हाईकोर्ट नैनीताल ने हटा दिया है। साथ ही कोर्ट ने साफ किया है कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है। इस बार 18 सितंबर से कोर्ट के आदेश के बाद चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। कोर्ट ने चारधाम यात्रा करने के लिए प्रत्येक दिन केदारनाथ धाम में 800, बदरीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओ को जाने की अनुमति दी थी। हालांकि यात्रा के लिए ईपास लेना आवश्यक होगा। इसके लिए शासन ने आज ही एसओपी जारी कर दी है। सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं। इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।
महाअधिवक्ता द्वारा कोर्ट के सम्मुख यह भी कहा कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा हुआ है, इसलिए जितने भी श्रद्धालू आ रहे हैं, सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, वह नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण स्थानीय लोगों पर रोजी रोटी का खतरा उत्तपन्न हो रहा है। सरकार को कोर्ट ने पूर्व दिए गए दिशा निर्देशों का पालन कराने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। चारधाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया। सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या पर से रोक हटाई जाय या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाय। जिसके बाद कोर्ट ने उक्‍त फैसला सुनाया।
चारधाम यात्रा की एसओपी पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें-

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पर्यटन मंत्री महाराज ने किया हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत
चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की तय सीमित संख्या को समाप्त करने के नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले का उत्तराखंड के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने स्वागत किया है। सतपाल महाराज ने कहा कि न्यायालय के इस फैसले से निश्चित रूप से प्रदेश में पर्यटन एवं तीर्थाटन को एक नई ऊर्जा मिलेगी। कोर्ट में जोरदार ढंग से सरकार का पक्ष रखने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार व्यक्त किया है।
उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय के इस निर्णय से वैश्विक महामारी कोरोना से प्रभावित अनेकों होटल व्यवसायियों, ट्रैवल्स व्यवसायियों एवं स्थानीय लोगों को एक बड़ी राहत मिली है। चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या की बाध्यता समाप्त होने के बाद अब सभी तीर्थयात्री कोविड नियमों का पालन करते हुए चारधाम की यात्रा आसानी से कर सकते हैं।
देवस्थानम बोर्ड की एसओपी देखने को नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-

RevisedSOP-Chardham
महाराज ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आ रहे यात्रियों के लिए सीमित संख्या की बाध्यता तय की गई थी जिसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था ऐसे में हमने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तय सीमित संख्या को बढ़ाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सभी के हित में बहुत ही अच्छा फैसला दिया। मैं न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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