गुजरात में पटेल नाम के सहारे चुनावी नैया पार करेगी बीजेपी, भूपेंद्र पटेल होंगे अगले सीएम, उत्तराखंड के सीएम की तरह नहीं है ज्यादा अनुभव
गुजरात में कोरोना काल में हुई किरकिरी को पाटने के लिए सीएम बदलकर अब बीजेपी ने पटेल के नाम से चुनावी नैया पार करने की रणनीति अपनाई है। भूपेंद्र पटेल गुजरात के अगले मुख्यमंत्री होंगे।

उत्तराखंड की तर्ज पर ही भूपेंद्र पटेल का नाम सीएम के लिए तय कर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया। भूपेंद्र पटेल भी विधायक बनने के बाद मंत्री नहीं बने थे। अब सीधे उनके हाथ में सत्ता की बागडोर सौंपी जा रही है। उत्तराखंड में भी पुष्कर सिंह धामी दो बार विधायक रहने के बाद कभी मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हुए थे और उन्हें सीधे ही सीएम बना दिया गया था। हालांकि उम्र में पटेल ज्यादा हैं। वह 59 साल के हैं। उत्तराखंड के सीएम धामी की तरह ही उन्हें मंत्री का कोई अनुभव नहीं था।
खबरों के मुताबिक, विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भूपेंद्र पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर मुहर लगी। विधायक दल की बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी महासचिव तरुण चुघ को बतौर पर्यवेक्षक भेजा गया था। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि केंद्र के दिशा निर्देश पर विजय रूपाणी ने गुजरात के सीएम पद से इस्तीफा दिया है। गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी शक्तिशाली पटेल समुदाय को खुश करने के लिए दांव-पेच लगा रही है।
बता दें कि शनिवार को भाजपा के गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात के बाद विजय रूपाणी ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की योजना केंद्र के आदेश के तहत की गई है। इस मौके पर 2 वरिष्ठ मंत्री, राज्य प्रभारी और पार्टी महासचिव पहले से मौजूद थे। मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रूपाला वहां मौजूद थे। इसके साथ ही बीएल संतोष और भूपेंद्र यादव ने भी बैठक की।
भूपेंद्र पटेल गुजरात की घाटलोडिया विधान सभा से विधायक हैं। इसी सीट से गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल चुनाव जीतती रहीं। भूपेंद्र पटेल का पूरा नाम भूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेल है। इससे पहले भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (AUDA) के चेयरमैन रहे हैं। पटेल ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन के तौर पर भी काम किया है। पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को हराया था।
इससे पहले इन राज्यों के बदले गए सीएम
गौरतलब है कि बीजेपी को अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात जैसे कई राज्यों में विधानसभा चुनावों का सामना करना है। गुजरात में बीजेपी दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से सत्ता में है। इससे पहले उत्तराखंड में बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदला था। पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। बहुत कम समय में ही उन्हें हटाकर पुष्कर धामी को कमान सौंपी गई। कर्नाटक में भी बीजेपी ने वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा की जगह बोम्मई को कमान सौंपी है।रूपाणी हालिया वक्त में बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें इस्तीफा देना पड़ा है।
उत्तराखंड की राज्यपाल ने भी दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि बेबी रानी मौर्य ने 8 सितंबर को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया था। इसके बाद से ही नए राज्यपाल के नाम को लेकर चर्चाएं हो रही थीं। 28 अगस्त 2018 को बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी। 3 साल से अधिक का वक्त गुजारने के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य अपने पद से इस्तीफा दिया।
चार राज्यों में की गई थी राज्यपालों की नियुक्ति
इसके बाद कई प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति कर दी गई थी। बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद बृहस्पतिवार को लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह उत्तराखंड का नया राज्यपाल बनाया गया। वह उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल हैं। इसके साथ ही वहीं तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। नागालैंड के राज्यपाल आरएन रवि को तमिलनाडु का राज्यपाल बनाया गया है। उधर असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।