उत्तराखंडी क्रिकेटर उनमुक्त चंद का अमेरिका में धमाल जारी, 63 गेंदों में जड़े 90 रन, अब तक बना चुके हैं 304 रन
भारत में जिस बल्लेबाज को दिल्ली की टीम अपनी प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दे रही थी और रणजी ट्रॉफी का एक मैच खेलने को तरस रहा था, अब वही भारत से बाहर अपने बल्ले से गदर मचा रहा है।

उनमुक्त चंद ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 63 गेंदों में नाबाद 90 रन बनाए। उनमुक्त चंद ने अपनी पारी में 10 चौके और 3 छक्के लगाए। उनमुक्त चंद का स्ट्राइक रेट 142 से ज्यादा का रहा। उनमुक्त चंद के साथ-साथ वेस्टइंडीज के बल्लेबाज नरसिंह देवनारायण ने भी शानदार बल्लेबाजी की। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 30 गेंदों में नाबाद 51 रन बाए। वहीं श्रीलंका के शेहान जयसूर्या ने भी 20 रनों की पारी खेली।
माइनर लीग में प्रदर्शन
उनमुक्त चंद ने माइनर लीग क्रिकेट में अबतक 8 मैचों में 60.80 की औसत से 304 रन ठोक दिये हैं। उनमुक्त चंद के बल्ले से कुल 10 छक्के और 30 चौके निकले हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी 113 से ज्यादा का है। उनमुक्त चंद ने अबतक टूर्नामेंट में 3 अर्धशतक लगाए हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 90 रन है, जो उन्होंने शिकागो ब्लास्टर्स के खिलाफ ही बनाया। बता दें उनमुक्त चंद ने महज 28 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उनमुक्त की कप्तानी में भारत ने 2012 में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता था। वो आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स और मुंबई इंडियंस की ओर से भी खेले।
आइपीएल में प्रदर्शन
साल 2013 में चंद ने अपना आईपीएल डेब्यू दिल्ली की टीम के लिए किया था। उनका फॉर्म कोई खास नहीं रहा और इसके बाद 2014 में वो राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए दिखे थे। चंद आईपीएल में 6 सालों तक खेले, इस दौरान वो मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के साथ-साथ राजस्थान रॉयल्स की टीम का भी हिस्सा बने। उन्होंने 21 मैचों में महज 15 की औसत से 300 रन ही बनाए। इसमें केवल एक अर्धशतक ही शामिल था। इसके अलावा चंद ने 67 फर्स्ट क्लास मैचों में 31.57 की औसत से 3379 रन बनाए हैं। लिस्ट ए क्रिकेट की बात करें तो 4505 रन बनाए और साथी लिस्ट में उनके नाम 7 शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है। टी-20 क्रिकेट में उन्मुक्त के नाम 3 शतक लगाने का कमाल भी दर्ज है।
उत्तराखंड टीम के रह चुके हैं कप्तान
वर्ष 2019 में सितंबर माह में उनमुक्त चंद ने दिल्ली का साथ छोड़ उत्तराखंड क्रिकेट टीम को चुना था। दिल्ली को छोड़ते हुए उन्मुक्त ने कहा था कि-मैं बेशक दिल्ली में रहा और वहीं से खेला, दिल्ली छोड़ना आसान निर्णय नहीं था। मगर उत्तराखंड से मेरा एक खास रिश्ता है, कई टीमों के प्रपोजल थे, लेकिन मैंने उत्तराखंड को चुना। अब उत्तराखंड को चैंपियन बनाना लक्ष्य है। अपनी मिट्टी से जुड़कर खुश हूं।
लगातार हार के बाद छीनी कप्तानी
रणजी ट्रॉफी में लगातार तीन हार के बाद उन्मुक्त चंद को उत्तराखंड की कप्तानी से हाथ धोना पड़ा। तब उन्मुक्त चंद की जगह तन्मय श्रीवास्तव को कप्तान बनाया गया था।
क्रिकेट करियर
उनमुक्त चंद ने भारत में काफी क्रिकेट खेला है। इस बल्लेबाज ने 67 फर्स्ट क्लास मैचों में 31.57 की औसत से 3379 रन बनाए, जिसमें उनके बल्ले से कुल 8 छक्के निकले। लिस्ट ए क्रिकेट में उनमुक्त चंद ने 41.33 की औसत से 4505 रन बनाए और इस फॉर्मेट में उन्होंने 7 शतक लगाए। उनमुक्त चंद ने टी20 क्रिकेट में भी 3 शतक जड़े। हालांकि उनका औसत महज 22.35 रहा।
उत्तराखंड के मूल निवासी
उन्मुक्त चंद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के खुदकु भाल्या के रहने वाले हैं. उन्मुक्त ने 6 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उनके क्रिकेट उनके क्रिकेट करियर में सबसे अहम रोल उनके चाचा सुंदर चंद ठाकुर का है। उनमुक्त चंद ने डीपीएस (नोएडा) और मार्डन स्कूल (बाराखंभा रोड) से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। उन्मुक्त अंडर-15, अंडर-16 और अडंर-19 क्रिकेट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।